पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र में तकरीबन 8 महीने बाद सभी धार्मिक स्थलों पर लगी पाबंदियों को हटा लिया गया है। राज्य के सभी धार्मिक स्थल 18 मार्च से बंद थे। कोरोना की गाइडलाइन की वजह से मंदिर,मस्जिद,गुरुद्वारों और चर्च में श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को मानना होगा। हालांकि,कड़े नियम के बावजूद सुबह से ही सभी धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की लंबी कतार देखने को मिल रही है।
दगडूशेठ गणपति मंदिर में हर भक्त की ओर रही तापमान की जांच
पुणे के श्रीमंत दगडूशेठ गणपति मंदिर में भी सुबह की पहली आरती में सैकंडों लोग शामिल हुए। यहां आने वाले सभी भक्तों के न सिर्फ हाथ को सैनिटाइज करवाया गया, बल्कि सभी के तापमान की भी जांच हुई। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की संख्या सीमित तो नहीं कि है, लेकिन यह सुनिश्चित किया है कि बिना मास्क के किसी भी भक्त को एंट्री नहीं मिले।
मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में सुबह 4 बजे से ही भक्तों की लंबी कतार देखने को मिली है। यहां भक्तों से शारीरिक दूरी बनाए रखने और मास्क लगाने समेत सभी नियमों का पालन करवाया जा रहा है। खास यह है कि भक्तों को प्रसाद चढ़ाने की अनुमति अभी नहीं दी गई है। मंदिर में एक ओर से भक्तों को प्रवेश करवाया जा रहा है और दूसरी ओर से उन्हें बाहर किया जा रहा है। मंदिर के मुख्य द्वार पर हाथों को सैनेटाइज किया जा रहा है। यहां एक दिन में सिर्फ 1000 लोगों को ही बप्पा के दर्शन मिल सकेंगे।
मुंबा देवी मंदिर में एक बार में सिर्फ 5 को मिल रही एंट्री
ऐसे ही हाल मुंबई में प्रसिद्ध मुंबा देवी मंदिर में भी देखने को मिल रहे हैं। यहां श्रद्धालुओं को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम छह बजे के बीच मंदिर जाने की अनुमति है। एक बार में पांच श्रद्धालुओं को ही मंदिर जाने दिया जा रहा है।
साईं के दरबार में दिखा बदला हुआ नजारा
शिर्डी के साईं का दरबार भी 8 महीने बाद भक्तों के लिए खुल गया। मंदिर में न तो लंबी-लंबी कतार देखने कि मिली और न ही भक्त बाबा के दर्शन के लिए धक्कामुक्की करते दिखे। सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखवाना के लिए मंदिर प्रशासन ने दो गज की दूरी के निशान गलियारों में बनाएं हैं। बाबा की सेवा में लगे स्टाफ पूरे समय चेहरे पर मास्क और शील्ड लगा कर ड्यूटी कर रहा है। यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को ऑनलाइन समय लेना पड़ेगा। इसके अलावा मंदिर में प्रवेश के समय दरवाजे पर आरटी-पीसीआर टेस्ट की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। हालांकि, इस नियम का पालन इतनी जल्दी संभव नजर नहीं आ रहा।
बीड़ में सुबह 5 बजे से भगवान वैद्यनाथ के दर्शन कर रहे भक्त
बीड़ में पराली के भगवान वैद्यनाथ के मंदिर को भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक इस मंदिर में सुबह 5 बजे से ही भक्त, भोलेनाथ के दर्शन कर रहे हैं। सरकार द्वारा निर्धारित नियमों और कानूनों का पालन करते हुए भक्तों को एंट्री करवाई जा रही है।
धार्मिक स्थल खोलने को लेकर सरकार की गाइडलाइंस
विभिन्न धार्मिक स्थलों पर सरोवर, कुंड, नदी या किसी भी अन्य प्रकार के धार्मिक जल में डुबकी लगाने पर प्रतिबंधित होगा मंदिर में प्रसाद बांटने और छूने की भी मनाही होगी।मंदिर में बैठकर पूजा करने वालों को अपनी आसनी, चटाई या कपड़ा ले जाना होगा धार्मिक स्थलों पर सामूहिक भजन-कीर्तन नहीं किया जा सकेगा।धार्मिक स्थलों पर 65 साल से अधिक की उम्र के लोगों और 10 साल से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं का प्रवेश वर्जित होगा।धार्मिक स्थलों पर सैनिटाइजर की व्यवस्था होगा और वहां पहुंचने वालों को पहले अपने हाथों को सैनिटाइज करना होगा। महाराष्ट्र में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए मार्च में लॉकडाउन का ऐलान हुआ था और इसके साथ ही मंदिर बंद कर दिए गए थे। अब हालात में कुछ सुधार होने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीते दिनों मंदिर दोबारा खोले जाने का ऐलान किया था। हालांकि अभी कंटेनमेंट जोन के बाहर के धार्मिक स्थल ही खोले गए हैं।