पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) द्धापर युग में जिस प्रकार कृष्ण भगवान अपनी लीलाएं करते थे और बुरे कर्म करने वालों को सजा देते थे ठीक कलयुग में अवतार बदलकर पिंपरी चिंचवड शहर के पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश लीलाएं कर रहे है। वेशभूषा बदलकर पुलिस महकमे के कामकाज का जायजा लेने रात में निकल रहे है। कृष्ण तेरी लीला समझ में न आए,गलत लोगों पर सुदर्शन चक्र चलाए बस यही कहना होगा कि पुलिस आयुक्त हो तो ऐसा..जो अपनी जनता की समस्याओं,पीडा को समझे,पुलिस कर्मचारियों के पेंच को कसे। गुंडे,गिरोहबाज,अवैध धंधा चालकों की नाक में नकेल डाले।
जी हां ! हम आपको बता दें कि बीती रात पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने रमजान महिने में एक मुस्लिम व्यक्ति का वेशभूषा बदलकर हिंजवडी,वाकड,पिंपरी पुलिस स्टेशन में अचानक दौरा किया। उनकी बेगम के किरदार में एसीपी प्रेरणा कट्टे थी। एक प्रायवेट कार का इस्तेमाल किया। चेहरे पर नकली दाढी,सिर पर नकली मेहंदी कलर बाल,पैर में फैशनेबल जुता कुर्ता,जिन्स पैंट,सिर पर मुस्लिम सफेट टोपी का परिधान धारण किए हुए थे। हम अपनी बेगम के साथ खाना खाने निकले थे। कुछ गुंडों ने बेगम के साथ छेडखानी की और कीमती सामान छीनकर भाग गए। हमारी शिकायत दर्ज करने की मेहरबानी करें और गुंडों को गिरफ्तार करें। ऐसा उर्दू हिन्दी मिक्सिंग जुबान में बात की। हिंजवडी और वाकड में अच्छा रिसपांस मिला। डियूटी पर तैनात पुलिस वाले घटना स्थल पर गए,वहां कोई नहीं मिला। एक का मोबाइल और कुछ संदिग्ध लोगों का पता चला। एफआयआर दर्ज करने लगे तो पुलिस आयुक्त अपना वेशभूषा को हटाया। सारे पुलिस कर्मचारियों को झटका लगा। उनके सामने पुलिस कमिश्नर और एसीपी खडे है विश्वास नहीं हुआ।
पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश और एसीपी प्रेरणा कट्टे इसी वेशभूषा में पिंपरी पुलिस स्टेशन पहुंचे। वहां उनका स्क्रिप्ट दूसरा था। उनके घर का एक व्यक्ति कोरोना संक्रमण पीडित है। एम्बुलेंस से हॉस्पिटल पहुंचाना है। एम्बुलेंस वाले ज्यादा रुपये मांग रहे है। सरेआम पीडित लोगों को लूट रहे हैं। उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करें और कार्रवाई करें। पिंपरी पुलिस स्टेशन में डियूटी पर तैनात पुलिस वालों ने कहा कि यह हमारा काम नहीं। साथ ही बातचीत करने का व्यवहार भी गलत पाया गया। आयुक्त को हिंजवडी,वाकड पुलिस थानों का कामकाज सराहनीय लगा लेकिन पिंपरी पुलिस स्टेशन के कामकाज से नाखुश हुए।
वेशभूषा बदलकर पुलिस स्टेशनों के कामकाज का जायजा लेने के पीछे इतना ही मकसद था कि पुलिस का लोगों के प्रति कैसा व्यवहार है? शिकायतकर्ता की शिकायतें सुनी जाती है या नहीं? रात के समय पुलिस किस अवतार में नजर आते है,सोते हैं या जागते हैं,आम जनता के प्रति उनका व्यवहार कैसा होता है? आयुक्त ने एक सम्मेलन में पुलिस वालों को संबोधित करते हुए कहा था कि थानों में आने वाला व्यक्ति तनाव,चिंताओं से भरा होता है। शिकायतें लेकर आता है। लेकिन जब जाए तो चेहरे पर समाधान,संतुष्ट होकर जाए। वर्तमान में क्या पुलिस थानों में ऐसा हो रहा है? इसी का मुआयना करने रात के समय तीन थानों में वेश बदलकर आयुक्त कृष्ण प्रकाश गए। इससे पुलिस थानों के कर्मचारियों में अपने काम के प्रति जागरुकता आएगी, डर बना रहेगा,कामकाज में पारदर्शता दिखाई देगी।
आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने कहा है कि ऐसा ही औचित्य निरिक्षण आगे भी होता रहेगा। अवैध धंधे,देर रात तक चलने वाले होटल,बार पर ग्राहक के रुप में जाएंगे। जिस पुलिस थानों की सीमा में और थानों के अंदर गलत काम पाया जाएगा वह थानेदार नपेगा। शहर में जीरो टॉलरेंस,100% अवैध धंधे बंद,क्राइम ग्राफ नीचे,भाईगिरी,माफियागिरी बंद,शहर में चैन,अमन,शांति बरकरार रखना एकमात्र लक्ष्य है। इसी लक्ष्य की पूर्ति हेतू पिंपरी चिंचवड शहर की पुलिस को काम करना होगा। आयुक्त कृष्ण प्रकाश की डिक्सनरी में गलत काम के लिए माफी नहीं। अब तक कई पुलिस निरिक्षक,कर्मचारी सस्पेंड हो चुके है। कई गिरोहबाज गुंडों पर मकोका और तडीपार के तहत कार्रवाई हो चुकी है। कई गिरोह,गुंडे रडार पर है। अब पुलिस वालों को पुरानी खबूगिरी की परंपरा को छोडनी होगी और आयुक्त कृष्ण प्रकाश के सांचे में फिट बैठना होगा..वर्ना कृष्ण के सुदर्शन चक्र से बचना मुश्किल नहीं..नाममुकिन है।