काशी(व्हीएसआरएस न्यूज) भाई दूज के दिन यमराज जी अपनी बहन यमुना जी से मिलने आते हैं। इस दिन जो भाई-बहन यमुना जी में स्नान करते है, उनको यमराज जी यमलोक की यातना नहीं देते उन्हें विष्णु-लोक की प्राप्ति होती है। आज के दिन अपनी बहन को उनकी राशि अनुसार भेंट दें, इससे आपसी रिश्तों में मिठास आएगी और दोनों के लिए यह शुभ होगा।
* मेष- ऊन के वस्त्र दें व लाल साड़ी दें।
* वृषभ- चांदी की वस्तु भेंट दें।
* मिथुन- लहरियां साड़ी भेंट दें।
* कर्क- वस्त्र के साथ पंचधातु की वस्तु भेंट दें।
* सिंह- ताम्रपात्र व लाल कंगन दान दें।
* कन्या- खिले हुए फूल का गुलदस्ता व हरी साड़ी भेंट दें।
* तुला- सफेद ऊन व चावल की भेंट दें।
* वृश्चिक- अष्टधातु की वस्तु व गुलाबी साड़ी का दान दें।
* धनु- पीतल की वस्तु व पीले वस्त्र भेंट दें।
* मकर- रसोई किचन संबंधी पात्र भेंट दें।
* कुंभ- बिजली संबंधी वस्तु भेंट दें।
* मीन- आसमानी रंग के वस्त्र भेंट दें।
भगवान चित्रगुप्त पाप पुण्य का लेखा जोखा रखते हैं। दीपावली के बाद भैया दूज के दिन चित्रगुप्त की पूजा के साथ-साथ लेखनी, दवात तथा पुस्तकों की भी पूजा की जाती है।
यमराज के आलेखक चित्रगुप्त की पूजा करते समय यह कहा जाता है-
लेखनी पट्टिकाहस्तं चित्रगुप्त नमाम्यहम्।
चित्रगुप्त की प्रार्थना के लिए मंत्र –
मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्।
लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्॥
दूज का महत्व जानिए :-
वणिक वर्ग के लिए यह नवीन वर्ष का प्रारंभिक दिन कहलाता है। इस दिन नवीन बहियों पर मश्रीफ लिखकर कार्य प्रारंभ किया जाता है। कार्तिक शुक्ल द्वितीया को चित्रगुप्त का पूजन लेखनी के रूप में किया जाता है।
इस दिन यमुनाजी के पूजन का विशेष विधान है। इस दिन मॐ श्री चित्रगुप्ताय नमःफ की 108 मंत्र का जाप करना लाभदायी रहता है।
यदि बहन (चचेरी, ममेरी, फुफेरी कोई भी हो) अपने हाथ से इस दिन भाई को भोजन कराए तो उसकी उम्र बढ़ती है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं। इस दिन बहन के घर भोजन करने का महत्व है।