पटना। व्हीएसआरएस न्यूज़: आस्था का महापर्व बिहार वासियों के लिए एक महान पर्व है। कोरोना महामारी के बीच दीपोत्सव के छठवें दिन से मनाए जाने वाले छठ महापूजा नदी घाटों पर जल, तालाबों के तट के समीप मनाया जाने वाला महापर्व है खरना से शुरू होकर (18 नवंबर से 21 नवंबर) उषाअर्घ, सूर्योदय, (उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर ,पारण) तक मनाया जाना है । जिसमें व्रती महिलाएँ अस्ताचल सूर्य एवं उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देगी इसी महापूजा को ले कर सरकार ने गाइडलाइन जारी किया है । बिहार सरकार ने कंटेनमेंट ज़ोन को छोड़कर आयोजन के लिए जो दिशा निर्देश दिए हैं वे इस प्रकार हैं-
जिला प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छठ पूजा समितियों, नागरिक इकाइयों, वार्ड पार्षदों, त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ समन्वय बनाकर कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए केन्द्र व राज्य सरकार के निर्देशों का प्रचार-प्रसार करने को कहा है। दिशा-निर्देश के मुताबिक गंगा नदी समेत अन्य महत्वपूर्ण नदियों के किनारे घाटों पर छठ महापर्व के दौरान अत्यधिक भीड़ होती है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने घर में ही छठ की पूजा के लिए प्रेरित किया जाए।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे नदी, तालाबों पर छठ महापर्व के आयोजन के दौरान मास्क का प्रयोग और सोशल डिस्टेंसिंग के मानक का पालन कराया जाना चाहिए। गृह विभाग ने निर्देश दिया है कि इन घाटों पर अर्घ्य के पहले और बाद सैनेटाइजेशन का कार्य नगर निकाय और ग्राम पंचायत द्वारा कराया जाए। यहां मास्क का प्रयोग और सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। आयोजकों और अन्य व्यक्तियों को स्थानीय प्रशासन के निर्धारित शर्तों का पालन करना होगा।
इस आदेश में यह कहा गया है कि गंगा समेत अन्य सभी बड़ी नदियों के घाटों पर छठ के दौरान काफी भीड़ हो जाती है। ऐसे में सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कराना संभव नहीं होगा। इस वजह से स्थानीय प्रशासन लोगों को अधिक-से-अधिक अपने-अपने घरों पर ही रहकर पूजा करने के लिए प्रेरित किया जाये। हालांकि, इसमें सभी प्रमुख नदियों से जल भरने की अनुमति दी गयी है। जल भरने के दौरान मास्क का उपयोग करना अनिवार्य होगा और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन भी अनिवार्य रूप से करना होगा। गृह विभाग ने छठ पर्व के आयोजन में हुए बदलाव और तमाम नियमों का पालन करने को लेकर सभी जिलों से कहा है कि वे सभी छठ पूजा समितियों, नागरिक इकाइयों, वार्ड पार्षद समेत तमाम स्थानीय लोगों और जन प्रतिनिधियों के साथ बैठ करें। इस दौरान कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र और राज्य की तरफ से जारी सभी अहम निर्देशों की जानकारी दें और इनके व्यापक प्रचार-प्रसार की भी व्यवस्था करें।
-छठ पूजा के आयोजकों एवं कार्यकर्ताओं और उनसे संबंधित व्यक्तियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा ।
-छठ पूजा घाट पर अक्सर स्पर्श की जाने वाली सतहों, यथा- बैरिकेडिंग आदि को समय-समय पर साफ एवं सेनीटाइज करना होगा।
-जनता को खतरनाक घाटों के बारे में समाचार पत्रों के माध्यमों एवं अन्य माध्यमों से जानकारी दी जाएगी । छठ घाटों पार यहाँ वहाँ न थूकना वर्जित होगा।
-तालाब, नदी मे अर्घ्य देते समय हैं भर्ती डुबकी न लगाएं ।इस प्रकार की बैरिकेडिंग की जाए ।
-छठ पूजा के दौरान बैठने या खड़े होने की व्यवस्था इस प्रकार की जाँच जैसा सामाजिक दूरी बनी रहे । दो गज की दूरी की अनिवार्य रूप से पालन किया जाए मास्क का प्रयोग अनिवार्य होगा ।
-छठ पूजा घाट के आस-पास किसी भी प्रकार का स्टॉल नहीी लगाया जायेेेगा ।
-किसी भी प्रकार का भोज प्रसाद या भोग का वितरण नहीं किया जाएगा ।
-छठ पूजा के दौरान 60 वर्ष से अधिक एवं 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को या अन्य किसी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को ना आने का सलाह दि गई है।
किसी भी प्रकार की सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन की अनुमति नहीं होगा ।
आयोजकों द्वारा एवं प्रशासन द्वारा पर्याप्त सेनिटाईजर की व्यवस्था की जाएगी, छठ पूजा के लिए वाहनों के प्रयोग को यथासंभव विनियमित किया जायेगी ।
जिला प्रशासन द्वारा आयोजकों के सहयोग से दिशा-नर्देशों का व्यापक प्रचार प्रसार जायेगा, लोगों द्वारा इसका स्वतः पालन करना सुलभ हो ।
जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा छठ पूजा के दौरान स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए मजिस्ट्रेट एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति होगी साथ ही है NDRF/SDRS का भी सहयोग लिया जाएगा ।