भागलपुर। व्हीएसआरएस न्यूज: कोरोना के दूसरी लहर से हर कोई डरा सहमा हुआ है। रेलकर्मी और उनके स्वजन चपेट में आ रहे हैं। अभी तक तीन दर्जन से ज्यादा संक्रिमत हो गए हैं। इनकी स्वास्थ्य को लेकर मालदा रेलवे मंडल भी काफी गंभीर हो गया है। संक्रमित रेल कर्मियों और उनके परिवार वालों के लिए भागलपुर रेवले जंक्शन पर 20 बेड का नया कोविड अस्पताल बनाया गया है।
पार्सल ऑफिस के पास बने रेल अधिकारी गेस्ट हाउस को कोविड अस्पताल के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। नए कोविड रेल अस्पताल में हर बेड के पास ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है। आधुनिक बेड लगाए गए हैं। सिर्फ वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है।
दरअसल, भागलपुर रेलवे अस्पताल में कर्मियों और उनके परिवार वालों का आउटडोर इलाज किया जाता है। यहां भर्ती की सुविधा नहीं है। इधर, कोरोना का मामला बढ़ने के बाद रेलकर्मी और परिवार वाले भी इसकी चपेट में आ गए हैं। इस कारण मालदा रेल मंडल मुख्यालय ने नए रेल अधिकारी हाउस को कोविड अस्पताल में तब्दील करने का निर्णय लिया है।
इस बारे मे मालदा रेल मंडल के डीआरएम यतेंद्र कुमार ने कहा कि रेलकर्मियों और उनके परिवार की सेहत को लेकर चिंतित है। इसलिए व्यवस्था की गई है।
नियुक्ति की जोरशोर से चल रही तैयारी
वही रेलवे प्रशासन ने जोरशोर से इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके अलावा रेलवे के दफ्तरों, अस्पतालों, स्टेशनों और ट्रेनों में कोरोना के संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए प्रोटोकाल का पालन अनिवार्य कर दिया गया है। 29 अप्रैल गुरुवार को कोविड अस्पताल के लिए चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार लिए जाएंगे। वहीं, 30 और एक मई को नर्सिग स्टॉफ की बहाली का साक्षात्कार होगा। रेलवे अस्पताल के अवर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सतेंद्र कुमार की देखरेख में चिकित्सक और नर्सों की नियुक्ति होगी। कोविड अस्पताल की देखरेख डॉ. कुमार करेंगे।
संक्रमित होने लगे हैं रेल कर्मचारी
बड़ी संख्या में रेलकर्मी भी संक्रमित होने लगे हैं। प्राथमिक रिपोर्ट आने के बाद तो उन्हें होम क्वारंटाइन करा दिया जा रहा। कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में संक्रमित रेलकर्मियों की शुरुआती इलाज के लिए रेलवे प्रशासन ने नया कोविड सेंटर बनाने की तैयारी में जुट गया है। गंभीर होने पर ही संक्रमित को इलाज के लिए दूसरी जगह भेजा जाएगा।
इधर, जंक्शन पर प्रोटोकाल का पालन सुनिश्चित कराया जा रहा है। आम यात्रियों के लिए सभी प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्कैनिंग और कोरोना की व्यवस्था की गई है। मास्क पहने व कंफर्म टिकट वाले यात्रियों को ही स्टेशन पर प्रवेश मिल रहा है। रेल कार्यालयों, कालोनियों, स्टेशनों, अस्पतालों और ट्रेनों में संक्रमण को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। आम यात्री ही नहीं रेलकर्मियों को भी बचाव के उपाय करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।