मुंबई । व्हीएसआरएस न्यूज : देश में जारी कोरोना संकट के बीच लगभग 8 महीने बाद महाराष्ट्र में सोमवार से सभी धार्मिक स्थलों को खोल दिये जाएंगे। उद्धव सरकार ने इसकी इजाजत दे दी है। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने दिवाली की रात ही यह फैसला किया है, जिसके बाद 16 नवंबर से शर्तों के साथ महाराष्ट्र में मंदिर और दूसरे धार्मिक संस्थान खोले जाएंगे। लेकिन कोरोना को देखते हुए धार्मिक संस्थानों को सख्त गाइडलाइंस का पालन करना होगा।
क्या है महाराष्ट्र सरकार की गाइडलाइंस?
65 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, दस साल से कम उम्र के बच्चे और वैसे व्यक्ति जिनको कोई अन्य बीमारी हो, उन्हें फिलहाल घर पर ही रहने की सलाह दी गई है। इसके अलावा धार्मिक स्थलों के अंदर दो व्यक्तियों के बीच की दूरी कम से कम छह फीट रखने को कहा गया है। मास्क का प्रयोग करना या चेहरे का ढके रहना अनिवार्य है।
धार्मिक स्थलों के लिए भी कई जरूरी गाइडलाइन जारी की गई हैं। जैसे कि उन्हें एंट्री गेट पर हैंड सैनिटाइजर और स्क्रीनिंग की व्यवस्था करनी होगी।
किसी भी व्यक्ति को मंदिर के परिसर में बिना मास्क पहने घुसने नहीं दिया जाएगा। अवेयरनेस के लिए ऑडियो और विजु्अल मीडियम से लोगों को जागरुक करने की व्यवस्था होगी। सभी आगंतुकों को अपने चप्पल जूते अपनी गाड़ी के अंदर ही रखने को कहा गया है।
कुछ दिनों पहले बंद पड़े धार्मिक स्थलों को दोबारा खुलवाने को लेकर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने लिखा था कि क्या मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भगवान की ओर से कोई चेतावनी मिली है कि वो धार्मिक स्थलों को दोबारा खोले जाने पर टाल मटोल करते रहें ।
राज्यपाल ने लिखा था कि एक जून से सभी राज्य में धार्मिक स्थलों को खोलने का ऐलान किया गया था, लेकिन चार महीने बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। यह विडंबना है कि सरकार ने एक तरफ बार और रेस्तरां खोल दिया है, लेकिन मंदिर जैसे धार्मिक स्थानों को नहीं खोला गया है। आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं। आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की।
दीपावली की लोगों को शुभकामनाएं देते हुए ठाकरे ने कहा, ‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना वायरस रूपी दैत्य आज भी हमारे बीच है। यद्यपि यह दानव अब धीरे-धीरे खामोश हो रहा है, लेकिन हम ढिलाई नहीं बरत सकते। लोगों को अनुशासन का पालन करने की जरूरत है।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘लोगों ने होली, गणेश चतुर्थी, नवरात्रि और गुडी परवा, ईद, दही हांडी, गणेशोत्सव, नवरोज, नवरात्रि घर पर ही अन्य त्योहारों में अनुशासन एवं संयम दिखाया। उन्होंने कहा कि सोमवार को पड़ रही दिवाली पड़वा से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने के बाद से, महामारी से बचाव के सभी नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा।ठाकरे ने कहा, ‘भीड़ से बचना होगा। धार्मिक स्थलों को खोलना कोई शासनादेश नहीं है, बल्कि यह ईश्वर की इच्छा है. जूते-चप्पल धार्मिक स्थल परिसर से बाहर रखे जाएंगे और मास्क लगाना अनिवार्य होगा.’ ठाकरे ने कहा, ‘अगर हम अनुशासन का पालन करते हैं तो हमें ईश्वर का आशीर्वाद मिलेगा।’