Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी-चिंचवड़ के निवर्तमान पुलिस आयुक्त अंकुश शिंदे को नासिक में पुलिस आयुक्त के पद पर स्थानांतरित किया गया है तो विनय कुमार चौबे पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय का प्रभार संभालेंगे। अप्रैल में अंकुश शिंदे ने आईपीएस कृष्णा प्रकाश की जगह पर आए थे। अंकुश शिंदे ने महज आठ महीनों में अवैध कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई कर कइयों को चौंका दिया था। अपराध के मामले में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। इसी बीच शनिवार को पालक मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर स्याही फेंकने की घटना घटी। इस मामले में अंकुश शिंदे ने जल्दबाजी में फैसला लिया और 11 लोगों को सस्पेंड कर दिया। जबकि दो वरिष्ठ अधिकारियों का आंतरिक रूप से तबादला कर दिया गया। पुलिस कमिश्नरेट में शिंदे के प्रति छिपी नाराजगी थी। तीन आरोपियों पर हत्या के प्रयास की धारा लगाने का भी आरोप लगाया गया था। हाल ही में अंकुश शिंदे मुंबई आए हैं। इसलिए उनके रिप्लेसमेंट की चर्चा जोरों पर थी। उन्हें आज पूर्ण विराम मिला है और वह नासिक में सूचीबद्ध हो गए हैं।
पुलिस कमिश्नर विनय कुमार चौबे
महाराष्ट्र कैडर के 1995 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी, चौबे संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के लिए अर्हता प्राप्त करने से पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटी) कानपुर के पूर्व छात्र हैं। प्रौद्योगिकी के लिए अपने जुनून के लिए जाने जाने वाले, चौबे ने बल के लिए निगरानी उपकरणों की एक श्रृंखला के अधिग्रहण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें ड्रोन भी शामिल हैं, जो वर्तमान लॉकडाउन के दौरान शहर की उप-गलियों पर नज़र रखने में महत्वपूर्ण साबित हुए।
गृह विभाग ने मंगलवार रात राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के तबादले का आदेश दिया। इसके मुताबिक पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता का तबादला का आदेश आया है। गुप्ता को गृह विभाग की ओर से अभी तक कोई प्रभार नहीं दिया गया है। इस बीच, सीआइडी प्रमुख रितेश कुमार को पुणे पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद, प्रशांत बर्डे को सीबीआई प्रमुख नियुक्त किया गया।
पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने शहर में गिरोहों पर नकेल कसने के लिए महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम का प्रभावी उपयोग किया। गुप्ता के कार्यकाल में शहर में 114 गैंगस्टर गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई की गई। बदमाशों के खिलाफ स्लम प्रिवेंशन एक्ट (एमपीडीए) के तहत कार्रवाई की गई। गुप्ता के कार्यकाल में शहर के 81 गैंगस्टरों पर एमपीडीए एक्ट के तहत मामला दर्ज कर एक साल के लिए जेल में डाल दिया गया।