Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) रियल एस्टेट एजेंट जो कमीशन के आधार पर संपत्ति बेचते और खरीदते हैं,उन्हें अब ’महारेरा’ के साथ पंजीकरण कराना होगा। इसलिए अब इन एजेंटों द्वारा धोखाधड़ी के संबंध में कानूनी कार्रवाई की जा सकती है और पंजीकृत बिचौलियों को ’महारेरा’ की ओर से एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। नतीजतन, संपत्ति खरीदारों के साथ-साथ संपत्ति बेचने वालों की वित्तीय धोखाधड़ी से बचा जा सकता है। हालांकि, इस फैसले का बिचौलियों के संघों ने कड़ा विरोध किया था।
संपत्ति की खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता लाने के लिए महारेरा एक्ट लागू किया गया है। इस अधिनियम के अनुसार, संपत्ति दलालों के लिए महारेरा के साथ पंजीकरण करना अनिवार्य है। प्रदेश भर में इस समय 38 हजार बिचौलिए पंजीकृत हैं। हालांकि रेरा ने ये आदेश इस बात को देखते हुए दिए हैं कि अभी तक कई लोगों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। रेरा ने इन बिचौलियों को प्रशिक्षित करने के लिए एक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है। परीक्षा में पास होने वाले मध्यस्थों को ही प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
एसोसिएशन ऑफ रियल एस्टेट एजेंट्स ने इस फैसले का विरोध किया है। इस संबंध में सोमवार को संगठन की ओर से सरपंचों से लेकर विधायक-खासदारों तक के चुनाव लड़ने के लिए कम से कम पांच साल का कोर्स और परीक्षा अनिवार्य करने की मांग पत्र प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को दिया गया।
इस बीच रेरा ने रियल एस्टेट बिचौलियों के लिए पाठ्यक्रम और परीक्षा अनिवार्य कर दी है। हेयरड्रेसिंग सैलून, ब्यूटी पार्लर, किराना स्टोर जैसे व्यवसायों में नागरिकों पर बिना किसी प्रतिबंध के ये सभी नियम केवल संपत्ति खरीदने और बेचने वाले बिचौलियों पर ही क्यों लागू होते हैं? यदि आप रियल एस्टेट दलालों के लिए पाठ्यक्रम और परीक्षा देने जा रहे हैं, तो राजनीतिक नेताओं के लिए परीक्षा दें। संगठन के अध्यक्ष सचिन शिंगवी ने मांग की है कि सरकार को पाठ्यक्रम और परीक्षा आयोजित करनी चाहिए और उन्हें अनिवार्य नहीं करना चाहिए।