pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में ’जी-20’ बैठक के अवसर पर सभी जी-20 प्रतिनिधियों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के अंतिम चरण में विदेशी मेहमानों ने ढोल-लझिम की थाप पर प्रस्तुति दी। उन्होंने ढोल, लीज़ीम, ताल को धारण कर महाराष्ट्र की संस्कृति की सराहना की।
इस मौके पर पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल, केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के संयुक्त सचिव सोलोमन अरोकिराज, विभागीय सौरभ राव,कुलपति डॉ.करभरी काले, पुणे मनपा आयुक्त विक्रम कुमार,पुलिस आयुक्त रितेश कुमार,कलेक्टर डॉ.राजेश देशमुख आदि मौजूद थे।
इस अवसर पर भैरी भवानी परफॉर्मिंग आर्ट्स के कलाकारों ने ’मराठा साम्राज्य की गाथा’ की अवधारणा पर आधारित महाराष्ट्र के सांस्कृतिक वैभव को दर्शाने वाली विभिन्न कलाओं की प्रस्तुति दी। शुरुआत में सांकेतिक भाषा कला के साथ शिव वंदना,मंदानी खेल, पोटराज, टाइगर-मुरली, घनाल, चक्कड़, करापल्लवी के साथ तान्हाजी मालुसरे को समर्पित एक अद्भूत मन मोहकर प्रस्तुती दी। कार्यक्रम के चरमोत्कर्ष पर पहुंचा शिवराज्याभिषेक गीता। फिर अंत में ढोल, लज़ीम ताशा का एक उत्साहपूर्ण प्रदर्शन हुआ और विदेशी मेहमान इसमें शामिल हुए। उन्होंने सभी कलाकारों के लिए तालियां भी बजाईं और ढोल-नगाड़ों की धुन पर ठेका ले लिया। कुछ लोगों ने हाथ जोड़कर खुशी का इजहार किया।
पालक मंत्री ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया
पालकमंत्री चंद्रकांतदा पाटिल ने जी-20 बैठक में आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया। पालक मंत्री ने कुछ प्रतिनिधियों से बातचीत भी की। पुणे शहर मेहमानों के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान अतिथियों द्वारा व्यक्त खुशी को देखते हुए यह महसूस किया कि पुणेवासियों का प्रयास सफल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र का सांस्कृतिक लोकलुभावनवाद सभी के अनुकूल है।