National News नई दिल्ली (व्हीएसआरएस न्यूज) यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर सरकार संसद के आगामी मॉनसून सत्र में बिल लाने की तैयारी में है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का बिल सरकार 5 अगस्त को ही लाई थी और जब पीएम मोदी ने राम मंदिर के लिए भूमिपूजन किया, तब भी तारीख 5 अगस्त ही थी। क्या यूसीसी के लिए भी 5 अगस्त की तारीख फिक्स हो गई है?
यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लेकर केंद्र सरकार संसद में बिल लाने की तैयारी में है। कहा जा रहा है कि सरकार संसद के आगामी मॉनसून सत्र में यूसीसी को लेकर बिल ला सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भोपाल में दिए गए बयान के बाद चीजें उसी दिशा में तेजी से आगे बढ़ती हुई भी नजर आ रही हैं। लॉ कमीशन ने यूसीसी को लेकर आम नागरिकों की राय मांगी है। वहीं, अब संसदीय स्थायी समिति ने भी यूसीसी को लेकर 3 जुलाई को बैठक बुला ली है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पहले ही कह चुके हैं कि यूसीसी को लेकर 13 जुलाई तक इंतजार करना चाहिए।
पीएम मोदी के यूसीसी को लेकर बयान के बाद अब चीजें तेजी से उसी दिशा में बढ़ती नजर आ रही हैं। केंद्र सरकार और बीजेपी के सूत्रों की मानें तो संसद के आगामी मॉनसून सत्र में यूसीसी को लेकर बिल लाने की पूरी तैयारी की जा रही है। 5 अगस्त की तारीख और बड़े मामलों को लेकर बीजेपी के स्टैंड का कनेक्शन देखें तो भी संकेत यही हैं कि यूसीसी को लेकर बिल मॉनसून सत्र के दौरान संसद में पेश किया जा सकता है और वह भी 5 अगस्त को ही। संसद के मॉनसून सत्र कब शुरू होगा, कब तक चलेगा? इसको लेकर तारीखें अभी सामने नहीं आई हैं लेकिन माना जा रहा है कि मॉनसून सत्र 17 जुलाई से शुरू हो सकता है। संसद का ये सत्र 17 जुलाई से शुरू होकर 10 अगस्त तक चल सकता है। ऐसे में 5 अगस्त की तारीख मॉनसून सत्र के कैलेंडर के हिसाब से भी फिट बैठती है।
यूसीसी से संबंधित बिल को लेकर 5 अगस्त की तारीख ही क्यों? इसका जवाब हमें पिछले कुछ साल के बड़े फैसलों, बड़े मामलों में मिलता है। बीजेपी के तीन बड़े मुद्दे रहे हैं जिन्हें वो चुनाव में दमदारी से उठाती रही है, सत्ता में आने पर पूरा करने का वादा करती रही है। एक राम मंदिर, दूसरा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और तीसरा समान नागरिक संहिता का। बीजेपी अपने तीन फ्लैगशिप वादों में से दो राम मंदिर और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का वादा पूरा कर चुकी है और दोनों का ही 5 अगस्त कनेक्शन है। ऐसे में क्या बीजेपी अपने तीसरे वादे को पूरा करने की दिशा में भी 5 अगस्त को ही कदम बढ़ाएगी? ये बड़ा सवाल है।