Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) कोरोना ने ’जेल पर्यटन’ की अभिनव अवधारणा को भी प्रभावित किया,जिसे राज्य सरकार ने पिछले साल गणतंत्र दिवस पर लॉन्च किया था। हालांकि पहले तीन महीनों में ही 12 स्कूलों के 470 छात्र येरवडा जेल देखने गए। इसके बाद योजना को नौ महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था। राज्य कारागार प्रशासन का उद्देश्य जेलों को सुधारक सुविधाओं में बदलना है। येरवडा जेल अधीक्षक रानी भोसले ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद मार्च से येरवडा जेल पर्यटकों के लिए बंद है।
महात्मा गांधी,लोकमान्य तिलक,मोतीलाल नेहरू,पंडित जवाहरलाल नेहरू,सरदार वल्लभभाई पटेल,सरोजिनी नायडू और सुभाष चंद्र बोस जैसे महान नेताओं को अंग्रेजों ने 150 साल पुरानी येरवडा जेल में कैद किया था, जिसमें एक समृद्ध ऐतिहासिक विरासत है। इन महान नेताओं के कारावास के स्थानों को स्मारक के रूप में संरक्षित किया गया है। यह छात्रों और शिक्षाविदों,गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और येरवडा जेल की अन्य ऐतिहासिक घटनाओं को देखने और अनुभव करने की अनुमति देता है। साथ ही गांधी और डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर जिस स्थान पर 24 सितंबर 1932 को बाबासाहेब अम्बेडकर के बीच पुणे समझौता हुआ था,वह स्थान भी दिखाया गया है। एक घंटे के दौरे के दौरान जेल अधिकारी भी जानकारी देते हैं।
राज्य सरकार ने येरवडा जेल के ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन के लिए जनता के लिए जेल पर्यटन योजना शुरू की है,लेकिन यह फिलहाल कोरोना के कारण बंद है। स्थिति में सुधार होने पर जेल पर्यटन फिर से शुरू किया जाएगा।