Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) स्नातकों को दी जाने वाली डिग्रियां ज्ञान के प्रति उनके समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं। उनके द्वारा अर्जित ज्ञान और कौशल उन्हें अपने लक्ष्य तक पहुँचने में मदद करेंगे। राज्यपाल एवं कुलाधिपति रमेश बैस ने अपील की कि स्नातकों को अपने ज्ञान का उपयोग देश और समाज के उत्थान के लिए करना चाहिए।
वह सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के 122वें स्नातक समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री चंद्रकांतदा पाटिल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरेश गोसावी, रजिस्ट्रार डॉ. प्रफुल्ल पवार आदि शामिल हुए। राज्यपाल श्री बैस ने कहा, डिग्री प्राप्त करना अंतिम लक्ष्य नहीं है बल्कि शिक्षा एक सतत प्रक्रिया है। परीक्षा के बदलते स्वरूप और नई तकनीक के युग को ध्यान में रखते हुए हमें उसी के अनुरूप तैयारी करनी होगी। पुणे सूचना प्रौद्योगिकी, ऑटोमोबाइल उद्योग का केंद्र है। इसका उपयोग छात्रों के लिए कैसे किया जा सकता है, इस पर विश्वविद्यालय को लगातार परियोजनाएं लागू करनी चाहिए।
शिक्षा का मूल 21वीं सदी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अच्छी सोच पर आधारित एक आदर्श व्यक्तित्व का निर्माण करना है। प्रत्येक व्यक्ति को एक या अधिक विषयों में गहराई से अध्ययन करने में सक्षम होना चाहिए। चरित्र, नैतिकता, संवैधानिक मूल्यों, बौद्धिक जिज्ञासा, वैज्ञानिकता, रचनात्मकता और सेवा भावना के आधार पर विज्ञान, समाजशास्त्र, कला, भाषा, प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में अवसर खोजने की क्षमता विकसित करनी होगी। उच्च शिक्षा को उत्पादकता की ओर ले जाना होगा। विद्यार्थियों को आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना होगा। राज्यपाल का ऐसा मानना है।