पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार ने बार एंड रेस्तरां मालिको को बडी राहत दी है। राज्य सरकार ने रेस्तरां और बार चालक के लाइसेंस शुल्क में 50 प्रतिशत की कटौती की है। कोरोना और लॉकडाउन के दौरान अन्य सभी क्षेत्रों की तरह शराब उद्योग को फटका बैठा है। तालाबंदी के दौरान राज्य की लाइसेंसी शराब की दुकान बंद थी। इसलिए इन बंद दुकानों का लाइसेंस शुल्क माफ करने की मांग की गई। जिसे स्वीकार कर लिया गया है। उन लोगों के लिए जो पहले से ही लाइसेंस शुल्क का भुगतान कर चुके हैं उनको आगामी आर्थिक वर्ष में यह सहुलियत लागू होगी।
लॉकडाउन से राहत देने के लिए यानी अनलॉक करने के लिए ठाकरे सरकार ने मंदिरों के सामने बार शुरू किए शराब की दुकानों को अनुमति दी और शराब लाइसेंस शुल्क पर 50 प्रतिशत की छूट दी। कोरोना और लॉकडाउन ने समाज के अन्य वर्गों को भी प्रभावित किया है। बार-बार मांग करने के बाद भी उन्हें राहत नहीं मिली है। तो क्या यह सरकार शराबियों के लिए काम कर रही है? ऐसा सवाल पूछने पर,बीजेपी नेता चित्रा वाघ ने इस फैसले की आलोचना की। आम आदमी बिजली के बिलों में छूट की मांग कर रहा था। इस सरकार ने सड़कों पर उतरने के बावजूद कोई रियायत नहीं दी। आम आदमी को किसी चीज से राहत नहीं मिली। चाहे वह घर टैक्स हो या पानी टैक्स। शराबियों को राहत क्यों? क्या शराबियों की बेहतरी के लिए सरकार काम कर रही है? ऐसा सवाल चित्रा वाघ ने पूछा है।