मुंबई(व्हीएसआरएस न्यूज) कोरोना काल में जीवनदायनी बनी रेमेडिसवीर इंजेक्शन जो गंभीर रूप से बीमार कोरोना रोगियों के उपचार में महत्वपूर्ण है,वर्तमान में महाराष्ट्र में भारी किल्लत है। इसलिए महाराष्ट्र में इन इंजेक्शनों की कालाबाजारी शुरू हो गई है और रोगियों के रिश्तेदार ब्लैक से इंजेक्शन खरीदने को मजबूर है। दूसरी ओर गुजरात के भाजपा कार्यालय में यह रिमेडिसवीर का इंजेक्शन मुफ्त में लोगों को बांटा जा रहा है। कोरोना संकट की घडी में क्या यह राजनीति है। ऐसा सवाल राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रवक्ता और मंत्री नवाब मलिक ने किया है।
देश में जहां एक ओर रिमेडिसवीर की कमी है,वहीं सूरत के भाजपा कार्यालय में मुफ्त में दवा वितरित की जा रही है। यह राजनीति नहीं है। एक ट्वीट में नवाब मलिक से पूछा। इसलिए अब देखना होगा कि भाजपा इन आरोपों का क्या जवाब देगी। महाराष्ट्र को प्रति दिन 50,000 रिमेडिसवीर की आपूर्ति की जानी चाहिए,केंद्र को इंजेक्शन के लिए मदद करनी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मांग की है कि केंद्र रिमेडिसवीर इंजेक्शन के लिए मदद करे। राजेश टोपे ने सभी निजी डॉक्टरों को टास्क फोर्स द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार रिमेडिसवीर इंजेक्शन का उपयोग करने की सलाह दी थी।
विमुद्रीकरण के लिए जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष
कोरोना वैक्सीन की कमी,रीमेडिसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की वजह से राज्य स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी दबाव का सामना कर रहा है। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार ने रिमेडिविर इंजेक्शन की आपूर्ति को सुव्यवस्थित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है और तदनुसार जिला स्तर पर एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा। जिला स्तर पर समितियों का गठन जिला स्तर पर एक तकनीकी समिति का गठन किया जाएगा ताकि यह जांच की जा सके कि निजी अस्पतालों में रिमेडिसवीर का उपयोग एक विशिष्ट तरीके से किया जा रहा है या नही्ं।