पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) राज्य सरकार ने सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के फंड को खत्म कर दिया है। राज्य सरकार ने पुणे विश्वविद्यालय का 144 करोड़ रुपये बकया रखा है। सीनेट सदस्य डॉ.कान्हू गिरमकर ने ऐसी जानकारी दी। गिरमकर ने एक लिखित प्रश्न पूछा। करीब 150 करोड़ रु
राज्य सरकार हर साल प्रोफेसरों और शिक्षकों के वेतन के लिए धन प्रदान करती है। हालांकि इस फंड को समय पर न मिलने के कारण बकाया लगभग 150 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। पिछले साल विश्वविद्यालय ने शिक्षकों और शिक्षण स्टाफ पर केवल 16 करोड़ रुपये खर्च किए।
विश्वविद्यालय की वित्तीय स्थिति चिंताजनक
विश्वविद्यालय विभिन्न विभागों में अस्थायी प्रोफेसरों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति करता है। उनका वेतन विश्वविद्यालय के फंड से दिया जाता है। धन के नाम पर बड़ी जमा राशि में कमी के कारण विश्वविद्यालय की वित्तीय स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की गई है। विश्वविद्यालय का आरोप है कि उसे राज्य सरकार से समय पर धन नहीं मिल रहा है। दूसरी तरफ राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय के पैसे क्यों बकाया रखा। इस पर सवाल उठने लगे हैं।
कितना खर्च हुआ?
शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के वेतन के लिए विश्वविद्यालय निधि से कितना खर्च किया गया है? अब तक कितना खर्च किया गया है? 2019-2020: 17 करोड़ 79 लाख 50 हजार और 20 करोड़ 74 लाख 48 हजार
2020-2021: 16 करोड़ 78 लाख, 60 हजार और 23 करोड़ 35 लाख 35 हजार