पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) कोरोना,लॉकडाउन की दोहरी मार झेल रहे व्यापारी,दुकानदार,कलाकार,खाद्य पदार्थ दुकानदार,मिष्ठान,कलर तैयार करने वाली कंपनियों को इस वर्ष होली बे रंग कर दी है। हजारों करोड रुपये का नुकसान हुआ है। दिसंबर-जनवरी महिने में हालात सुधर रहे थे। व्यापार की रौनक लौटने लगी थी। फिर कोरोना ने फन निकालकर निगलने के लिए खडा हो गया। कोरोना रोगियों की बढती संख्या को ध्यान में रखते हुए पुणे जिला प्रशासन समेत पूरे महाराष्ट्र में सार्वजनिक होली खेलने पर प्रतिबंध लगाया गया है। पर्यटक स्थलों पर रोक लगाई गई है।
ऐसे में कारोबारियों की मुश्किलें बढने लगी है।खरीदी बिक्री में दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है। खासतौर पर होली में मिठाई, अबीर गुलाल, नमकीन, ड्राई प्रैूट, खिलौने होलिका में कच्ची लकड़ी, कुर्ता-पाजामा टी शर्ट होली साड़ी, ठंडाई, कोल्ड ड्रिंक जैसे व्यापार पर बड़े पैमाने पर असर पड़ेगा।
कलाकारों को झटका- हर वर्ष होली में हजारों सामाजिक,सांस्कृतिक,होली मिलन समारोह का आयोजन होता था। कलाकारों की अच्छी खासी कमाई होती थी।,चाय,पान,भोजन के साथ टेंट हाउस,हलवाई,काम करने वाले कर्मचारी आदि की कमाई होती थी। लेकिन इस साल होली प्रतिबंध ने कलाकारों के चेहरे से गुलाल उडा लिया है।
1500 करोड के नुकसान का अनुमान- वैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार खुदरा व्यापारियों को बडा झटका लगा है। कपडा उद्योग को 800 करोड का फटका लगा। होली में कपडा कारोबार को 25-30 प्रतिशत का असर पडेगा। अकेले महाराष्ट्र में कपडा उद्योग को 700 से 800 करोड का नुकसान उठाना होगा। पिंपरी चिंचवड शहर के पिंपरी कैम्प बाजारपेठ मेन बाजार कपडा व्यापारियों से पटा है। यहा अकेले 50 करोड के नुकसान का अनुमान है। पुणे कैम्प,लक्ष्मी रोड में यह नुकसान डबल है।
ट्रांसपोर्ट सेक्टर की भी टूटी कमर- ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के बाल मलकीत के मुताबिक कोरोना के कारण घोषित लॉकडाउन से ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बहुत बड़ी क्षति पहुंची है। पहले से ही 30 फीसदी गाड़ियां कम चल रही थीं। पेट्रोल डीजल की बढ़ी कीमतों ने ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर असर डाला है। स्थिति सुधारने की आस जगी थी लेकिन फिर से कोरोना के बढ़ते प्रकोप ने स्थिति बिगाड़ दी है।