भागलपुर| व्हीएसआरएस न्यूज: सृजन घोटाले की मास्टर माइंड मनोरमा देवी ने करोड़ों की राशि जिस होशियारी से सरकारी खाते से निकलवाई। थी उसे सरलता से उसके साथ साये की तरह रहने वाले विपिन, दीपक, किशोर आदि ने सरलता से ठिकाने लगवा दिया था। वह राशि 300 करोड़ की तब रही होगी। मनोरमा इस खुशफहमी में थी कि उस रकम को सही जगह पर ठिकाने लगवा दिया है। लेकिन उसके साथ रहने वाले विपिन आदि ने डकार लिया।
मनोरमा ने उस बड़ी राशि को एफडी करने को कहा था। लेकिन वंशीधर झा आदि के सहयोग से फर्जी फिक्स डिपाजिट ही तैयार करा ली और मनोरमा को थमा दी गई थी। बाद में सरकारी खातों से चेक वापस होने लगे तो कलई खुलने लगी। मनोरमा उस बड़े धोखे का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी। 2016 में बीमार पड़ गई। उधर बड़ी रकम जिन करीबी लोगों ने लिया वह वापस करने के बजाय उसे सुरक्षित निवेश भी कर चुके थे।
मिली सूचना के मुताबिक साधारण दुकान चलाने वाला सरलता से आलीशान भवनों का मालिक बन गया। देश-विदेश के दौरे में करोड़ों खर्च कर डाले। देश के कई महानगरों में निवेश किए। जिन अधिकारियों, नेताओं और राज खोलने वालों का भय इन्हें लगा। उन्हें उतनी तेजी से ये खुश भी करते चले गए। खुद को बचाने के लिए घोटाले में शामिल मनोरमा के ऐसे एक दर्जन करीबी बिल्डर, व्यवसायी, नेता आज भी दिल्ली और पटना में बैठे प्रभावशाली राजदारों को खुश कर रहे हैं।
सृजन घोटाले में भागलपुर के जिलाधिकारी रहे केपी रामैय्या, अमित, प्रिया समेत तीन दर्जन अधिकारियों, नेताओं और बैंक पदाधिकारियों पर आरोप पत्र दाखिल हो चुका है। इनमें इंडियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, भू-अर्जन पदाधिकारी, नाजिर समेत अन्य शामिल हैं।
वही आरसी 2172017ए0016 में अतुल रमण, वंशीधर झा, सृजन सचिव रजनी प्रिया, सृजन के वित्तीय सलाहकार अमित कुमार नामजद किए गए।केस संख्या (आरसी 2172017ए0013) में बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर रहे अरुण कुमार सिंह, इंडियन बैंक के लिपिक अजय कुमार पांडेय, भू-अर्जन विभाग के नाजिर राकेश कुमार झा, सृजन की प्रबंधक रही सरिता झा, पूर्व भू-अर्जन पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह, बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन सहायक बैंक प्रबंधक वरुण कुमार केस संख्या (आरसी 21172017ए0011) में मनोरमा देवी का चालक, इंडियन बैंक के पूर्व सहायक प्रबंधक तौकीर आलम, राकेश कुमार, क्लर्क अजय कुमार पांडेय, जिला नजारत के नाजिर अमरेंद्र कुमार यादव नामजद किये गए थे।
हालाँकि सीबीआइ की तरफ से दर्ज कराए गए ऐसे मुकदमे की संख्या दो दर्जन से अधिक हो चुकी है। अमित, प्रिया समेत तीन दर्जन लोगों पर आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं। करीब एक दर्जन आरोपित जेल में हैं।