पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे मनपा में शामिल 23 नए गांवों की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पुणे के गांवों में चल रहे ग्रामपंचायत चुनाव में लोगों का आक्रोश दिखाई दे रहा है। शेवालेवाडी गांव ग्रामपंचायत का लोगों ने बहिष्कार करने की घोषणा कर दी है। राजनीतिक दल और चुनाव आयुक्त बिना विरोध के चुनाव संपन्न कराने के प्रयास में है।
गांव के लोगों में भ्रम की स्थिति है। अपनी संपत्ति को लेकर,पालिका के महंगे टैक्स को लेकर अन्य मूलभूत सुविधाओं में अतिरिक्त टैक्स को लेकर भ्रम और दुविधा की ओहापोह की स्थिति है। भ्रम फैलाया जा रहा है कि जमींनों पर आरक्षण डाला जाएगा,विकास के नाम पर सडक के नाम पर जमींने छीन ली जाएगी। इसलिए ग्रामीणों ने एक साथ बैठक की और सर्वसम्मति से इस चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया। इस निर्णय के अनुसार कोई भी ग्रामीण चुनाव नहीं लड़ेगा। इसके अलावा मतदान इस बीच शेवालेवाड़ी गांव में ग्राम पंचायत चुनाव प्रक्रिया पहले से ही चल रही थी। इस गाँव के चुनाव को रद्द करने की सूचना अभी तक चुनाव आयोग से जिला कलेक्टर कार्यालय तक नहीं पहुँची है। अधिसूचना प्राप्त होने तक चुनाव प्रक्रिया जारी रहेगी। सूत्रों ने कहा कि ग्रामीणों ने बहिष्कार का बिगुल बजाया है?
औरंगाबाद में ओपन कैटेगरी के लिए कोई जगह नहीं है
यह पता चला है कि औरंगाबाद के सिल्लोड तहसील में आमसारी ग्राम पंचायत में सभी सीटें आरक्षित हैं और कोई भी सीट खुली श्रेणी के लिए आरक्षित नहीं है। आमसारी ग्राम पंचायत की 9 में से 9 सीटें आरक्षित की गई हैं। तो खुली श्रेणी के लोग कहाँ जाना चाहते हैं? यही सवाल पूछा जा रहा है। इस बीच कुछ ग्रामीणों ने सीधे अदालत का दरवाजा खटखटाया और मुंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ में याचिका दायर की। इन 9 सीटों में से छह पर एसटी,एक सीट है।