मीरगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: यूक्रेन में फंसे से मेडिकल छात्रों के लिए शुक्रवार का दिन राहत की खबर लेकर आया। पोलैंड की सीमा से सटे यूक्रेन के सीमावर्ती शहर विन्नित्सा में पढ़ाई कर रहे मेडिकल छात्रों ने अपने परिजनों को बताया है कि भारतीय दूतावास के सहयोग से उन्हें पोलैंड के सीमावर्ती बॉर्डर शेहाइनी-मेदाईका के रास्ते बाहर निकालने की बात बतायी गई है पर जब तक वह पोलैंड में दाखिल नहीं हो जाते तब तक कुछ भी कहना जल्दी बाजी होगी।
मीरगंज से सटे नरइनिया के छात्र नवनीत कौशिक और उत्कर्ष मिश्रा तथा सवरेजी के अमित कुमार के सही सलामत वापसी को लेकर परिजन लगातार संपर्क में बने हुए हैं। परिजनों का कहना है कि सभी लड़के हौसलों से भरे हुए हैं और अभी चिंता और तनाव की कोई बात नहीं है| वे यह भी चाहते हैं कि भारतीय सरकार किसी तरह इन विद्यार्थियों को इस युद्ध की विभीषिका से सुरक्षित बाहर निकाले। परिजनों के लिए राहत की बात यह भी है कि इनके पास अभी पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न और पानी उपलब्ध है।
पीएमओ से लेकर विभिन्न दूतावासों तक लगातार लगा रहे गुहार
इस बीच अमित के पिता लाल बहादुर सिंह ने बताया कि तेजी से बदल रहे घटनाक्रम के बीच उन्होंने अपने बेटे को बदलती परिस्थिति के अनुसार तैयार रहने को कहा है और पर्याप्त मात्रा में नकदी और खाद्यान्न खरीद लेने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि वे ईमेल के माध्यम से पीएमओ, विदेश मंत्रालय तथा विभिन्न दूतावासों को मैसेज भेज कर फंसे बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने के गुहार लगा रहे हैं।
प्रधानाध्यापक नरेंद्र मिश्र भी अपने बेटे नवनीत कौशिक से ताजा बातचीत के बाद संतोष जता रहे हैं तथा उम्मीद जताई कि जल्दी ही विद्यार्थी वहां से सुरक्षित अपने वतन लौट आएंगे। इस बीच परिजनों ने बताया कि उन्हें दिवंगत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की काफी याद आ रही है, यदि वे होती तो शायद अब तक उनके बच्चे अपने स्वदेश आ गए होते।