मीरगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: मीरगंज नगर परिषद के विस्तारित क्षेत्र में नागरिक सुविधाओं की घोर कमी है।जिससे लोगों को शहरी सुविधाएं नहीं मिल रही है। नए क्षेत्र में महैचा,सलेमपट्टी, पिपरा खास, राजापुर तथा नरइनिया आदि गांव को शामिल किया गया है।
इन इलाकों में महज सफाई का काम ही शुरू किया गया है वह भी नियमित नहीं किए जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। जिस हिसाब से शहर का क्षेत्रफल बढ़ रहा है, उस हिसाब से नागरिक सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही है। शहर के वार्डो की मुख्य गलियों में पहचान के लिए किसी तरह का बोर्ड नहीं लगा है। इससे लोगों को यह पता नहीं चल पाता है कि वह जिस स्थल पर मकान का निर्माण करा रहे हैं वह शहरी इलाके में है या फिर ग्रामीण क्षेत्र में। इस कारण काफी लोग बगैर नक्शा पास कराए ही मकान का निर्माण करा लेते हैं।
रहते है शहर में पर गांव से भी बदतर हालात:
शहर के कुछ वार्डो की स्थिति देखी जाए तो गांव से भी बुरे हालात हैं। लोगों को तंग गलियों में बजबजाती नालियों से होकर गुजरना पड़ता है। नई बस्तियां भी बस रही हैं। मकाने बन रहे हैं। लेकिन, नगर परिषद के नियम के अनुसार भवन बन रहा है या नहीं इसे देखने वाला कोई नहीं है। जब निर्माणाधिन मकान के आसपास लोग किसी तरह की शिकायत करते हैं, तब कर्मी वहां पहुंचकर जांच करते हैं, अन्यथा कोई पूछने वाला नहीं है।
—————-
दरवाजे तक नहीं पहुंच पाते हैं वाहन:
शहर के सीमा क्षेत्र की नई बस्तियों में रहने वाले प्रमोद तिवारी, रोहन , पवन आदि ने बताया कि मकान तो शहर में इसलिए बना रहे हैं, ताकि बच्चों को वहां रखकर अच्छे स्कूलों में दाखिला दिलवाकर पढ़वाया जाए। शहर में रहकर कुछ कारोबार किया जाए। लेकिन, यहां की स्थिति यह है कि जरूरत पड़ने पर ऑटो और रिक्शा वाले भी गली में जाने से इंकार करते हैं। नक्शा के अनुसार, भवन नहीं बनाए जाने से गलियों में चबूतरा व सीढ़ी बना ली गई है। संकीर्ण गली होने व उसमें कीचड़ रहने से परेशानी होती है।
————-
शहर और इसके आसपास काफी नई बस्तियां बस गई हैं, जहां विकास कार्य नहीं हो पाया है। साथ ही नए क्षेत्र को शहर में शामिल किया गया है| उन सभी इलाकों में विकास कराने की योजना बनाई गई है।
डॉ अजीत कुमार शर्मा
ईओ, मीरगंज नगर परिषद