बैकुंठपुर। व्हीएसआरएस संवाददाता: जिले के सर्वाधिक लो-लैंड में बसे बैकुंठपुर प्रखंड में गंडक नदी का पानी घरों से उतरने के बाद संक्रामक बीमारी फैल रही है। जलजनित बीमारियों से लोग ग्रसित हो रहे हैं। बता दें कि प्रखंड के 16 गांवों में बाढ़ का पानी एक सप्ताह तक तबाही मचा रखा था। 12 गांवों से बाढ़ का पानी पूरी तरह उतर चुका है। सीतलपुर, सलेमपुर, प्यारेपुर तथा पकहां गांवों में अभी भी डेढ़ से दो फीट तक बाढ़ का पानी बह रहा है। जिन गांवों से बाढ़ का पानी उतर गया है। वहां गंदगी और कचरे से संक्रामक बीमारी अपना पांव पसार रही है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन गांवों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव अब तक शुरू नहीं कराया गया है। जिससे खुजली, वायरल फीवर, सर्दी, खांसी, जुकाम, दिनाय सहित अन्य बीमारियों की चपेट में लोग तेजी से आ रहे हैं। खासकर बच्चों में जलजनित बीमारियों का प्रकोप अधिक देखा जा रहा है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में सर्पदंश की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही है। पिछले तीन दिनों के दौरान सर्पदंश से 15 लोग पीड़ित हो चुके हैं। कई ऐसे गांव हैं जहां घरों से पढ़ का पानी उतर गया है। लेकिन अगल-बगल बाढ़ का पानी जमा रहने से लोगों की परेशानी कम नहीं हो पा रही है।
घरों के आसपास बाढ़ का पानी जमा रहने की स्थिति में छोटे बच्चों को लेकर लोग हमेशा चिंतित रहते हैं। गड्ढे में जमा पानी जलकुंभी तथा खरपतवार के कचरे से दूषित हो चुके हैं। गड्ढे में जमा पानी से बदबू आने के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है। बाढ़ पीड़ित परिवार प्रशासनिक स्तर पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव आवश्यक बता रहे हैं।
ब्लीचिंग व चुना-गमैक्सीन का नहीं हुआ छिड़काव
बैकुंठपुर। प्रखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों से पानी उतरने के बाद ब्लीचिंग पाउडर चुना एवं गेमैक्सीन का छिड़काव अब तक शुरू नहीं किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से ग्रामीण स्तर पर कीटनाशक दवा भी मुहैया नहीं कराई गई है। बाढ़ के पानी में डूबे चापाकल अभी भी दूषित पानी उगल रहे हैं। जिसका उपयोग करने से ग्रामीण वायरल बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। चापाकल में हैलोजन की टिकिया भी नहीं डाली गई है। बाढ़ पीड़ित दूषित जल और दूषित वातावरण में रहने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन उनकी समस्या को लेकर सजग नहीं हुआ तो गांव में डायरिया डिहाइड्रेशन सहित अन्य बीमारियां पांव पसारने लगेगी। अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित बाढ़ पीड़ित प्रशासन से तत्काल कीटनाशक दवाओं का छिड़काव शुरू कराने की आवश्यकता जता रहे हैं।
इस बारे मे बैकुंठपुर एमओआईसी डॉ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों से पानी उतरने के बाद कीटनाशक दवाओं का छिड़काव शुरू कराने के लिए टीम गठित कर ली गई है। इस सप्ताह के अंत तक बाढ़ प्रभावित इलाकों में ब्लीचिंग पाउडर सहित अन्य कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराया जाएगा। संक्रमण से बचाव के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।