उचकागांव| व्हीएसआरएस संवाददाता: प्रखंड के उचकागांव ई किसान भवन पर कृषि विभाग के रबी अभियान 2022 के तहत प्रखंड स्तरीय रबी प्रशिक्षण सह उपादान वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन जिला मत्स्य विकास पदाधिकारी आयुषी कुमारी, जिला पार्षद ओमप्रकाश सिंह, उप प्रमुख श्रीकृष्णा सिंह कुशवाहा, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पार्षद ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि देश को पहली बार ऐसा प्रधानमंत्री मिला है कि वह किसानों के हित एवं विकास के बारे में सोच रहा है। जब वह किसानों को संबोधित करता है तो ऐसा प्रतीत होता है कि किसान का बेटा बोल रहा है और जब वह आईएएस अधिकारियों को संबोधित करता है तो प्रतीत होता है कि कोई बहुत अनुभवी अधिकारी आईएएस अधिकारी बोल रहा है। सरकार किसानों के विकास के लिए अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध उपलब्ध कराने से लेकर कई योजनाएं चला रही हैं। जिनका लाभ लेते हुए किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।
इस दौरान उन्होंने कहा कि कृषि विभाग कर्मी अपने कर्तव्य का पालन करते हुए पांच प्रतिशत भी किसानों के दशा में सुधार करते हैं तो उनके लिए यही राष्ट्रभक्ति और देशभक्ति है। कार्यक्रम के दौरान कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला गया।
इस दौरान जिला मत्स्य विकास पदाधिकारी आयुषी कुमारी ने कहा कि सरकार कृषि से वंचित जलजमाव वाले क्षेत्रों के लिए मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजनांतर्गत कई योजनाएं चला रही है। जिसमें 30 प्रतिशत से लेकर 70 प्रतिशत तक अनुदानित दर पर उपलब्ध योजनाओं का लाभ लेकर किसान मत्स्य पालन कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।
पुराने तालाबों में भी मछली पालन के लिए मछलियों के भोजन, दवा, बोरिंग, पंपसेट आदि के लिए भी 50 प्रतिशत अनुदानित दर पर योजनाएं संचालित की जा रही है। मत्स्य पालन के लिए किसान तीन प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि लोन ले सकते हैं। जबकि अनुदानित दर पर उपलब्ध बायोफ्लॉक के माध्यम से भी किसान उन्नत तरीके से मत्स्य पालन कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान प्रखंड उद्यान पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने सुक्ष्म सिंचाई योजना के अंतर्गत 90 प्रतिशत अनुदानित दर पर उपलब्ध सरकार द्वारा संचालित स्प्रिंकलर सिंचाई योजना, टपक सिंचाई योजना, बागवानी मिशन के अंतर्गत केले, पपीते, आम आदि फलों की बागवानी एवं पॉलीहाउस के माध्यम से किसी भी मौसम में वर्षभर किसी भी सब्जी के उत्पादन के विधि एवं अनुदान के बारे में जानकारी दी गई। किसान सलाहकार योगेंद्र सिंह ने कहा कि किसान बीज के लिए दुकानों एवं विभाग पर आश्रित हो गए हैं। परंतु किसान विभाग से आधार बीज लेकर बीज को खुद भी तैयार कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान प्रोजेक्टर के माध्यम से जैविक खेती, जीरो टिलेज के माध्यम से गेहूं की बुवाई, स्प्रिंकलर के माध्यम से सिंचाई योजना पर भी प्रकाश डाला गया।
परियोजना उप निदेशक रेणु कुमारी ने कहा कि धान और गेहूं की कटाई के बाद अधिकांश किसान खेतों में ही पराली को जला दे रहे हैं। जिससे जमीन की उर्वरा शक्ति तेजी से घट रही है। जिसके विरुद्ध सरकार सख्त कदम अपना रही है।
इस दौरान पराली जलाते हुए पकड़े जाने पर किसानों का किसान रजिस्ट्रेशन रद्द करते हुए किसानों को अनुदानित दर पर मिलने वाली सभी सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा। इस दौरान पराली को डीकंपोजर कैमिकल से नष्ट करने एवं अनुदानित दर पर उपलब्ध अत्याधुनिक यंत्रों के माध्यम से काटकर मिट्टी में मिलाने पर प्रकाश डाला गया।
मौके पर लेखापाल चंदन दुबे, एटीएम अनिल गुप्ता, निकेश कुमार श्रीवास्तव, बीटीएम धर्मपाल ओझा, सुनील तिवारी, कृष्णकांत चौबे, कृषि समन्वयक राजदेव राय, ईश्वर कुमार, कुंदन सिंह, राजकुमारी देवी, सुरेश सिंह आदि कृषि कर्मी एवं काफी संख्या में किसान मौके पर उपस्थित थे।