बालिका स्कूल में पढ़ाई पर संकट
गोपालगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: जिले के सदर प्रखंड के एक मात्र एसएस बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में दो शिक्षकों के भरोसे 24 सौ छात्राओं की भविष्य संवर रही है। आलम यह है कि शहर का एक मात्र बालिका प्लस टू स्कूल है, जो शिक्षा विभाग की उपेक्षा का शिकार होकर रह गया है।
ऐसे में यहां के प्राचार्य का दावा है की कई बार शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों को इसके लिए पत्र भेजा गया लेकिन अभी तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी। जिसके कारण दो शिक्षकों से मैनेज किया जा रहा है।
75 प्रतिशत स्कूल में अनिवार्यता
एक ओर जहां छात्र-छात्राओं की 75 प्रतिशत स्कूल में अनिवार्यता की गई है ताकि छात्र-छात्राएं स्कूली शिक्षा ग्रहण कर सके लेकिन शिक्षा ग्रहण कैसे करें जब शिक्षा देने वाले शिक्षक ही नहीं है। हम बात कर रहे है शहर के एक मात्र बालिका विद्यालय की। जहां 24 सौ छात्राएं नामांकित है, लेकिन उन्हें पढ़ाने वाले महज दो रेगुलर शिक्षक ही हैं। इन शिक्षकों में एक शिक्षक कॉमर्स के हैं, जबकि यहां कॉमर्स की पढ़ाई ही नहीं होती। वही एक अन्य शिक्षक उर्दू के हैं, उर्दू पढ़ने वाले छात्राएं भी काफी कम हैं।
इंटर व मैट्रिक की परीक्षा सिर पर है
इन छात्राओं की शिक्षा कैसे मिल पाती होगी इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। बताया जाता है की यहां के 20 शिक्षकों की अन्यत्र नियुक्ति होने से स्थिति बिगड़ गई है। वह भी तब-जब इंटर व मैट्रिक की परीक्षा सिर पर है। सिलेबस तक पूरा नहीं हो सका है।
छात्राएं मायूस होकर लौट रही हैं। छह माह पहले इस स्कूल में करीब 22 शिक्षक थे। परीक्षा पास कर तीन शिक्षक अलग-अलग विद्यालयों में हेडमास्टर बनकर चले गए। इसके बाद शिक्षक भर्ती के पहले चरण की परीक्षा में विद्यालय के 15 शिक्षक पास हुए और अलग-अलग विद्यालयों में योगदान कर लिया। दो अन्य शिक्षिकाओं ने अलग-अलग सरकारी संस्थानों में योगदान कर लिया।