कैमूर| व्हीएसआरएस न्यूज: बिहार के कैमूर पहाड़ी पर लाल आतंक से जाने जाने वाला एमसीसी और टीपीसी दस्ता के एरिया कमांडर बिरेन्द्र यादव उर्फ भोरिक यादव उर्फ संतोष यादव ने हथियारों के साथ सरेंडर कर दिया है| कैमूर एसपी के पास इस नक्सली ने सात राइफ़ल, गोली, भारी मात्रा में नक्सली वर्दी, देशी विंडोलिया समेत उग्रवादी संगठन की सदस्यता वाले रसीद भी जमा किया| भोरिक यादव ने अपने नक्सली बनने की कहानी को भी पुलिस के समक्ष बताया|
उसके मुताबिक पिता की हत्या के बाद उसने हत्या के आरोपी को गोली मार दी इस दौरान आरोपी बच निकला लेकिन उसे जेल जाना पड़ा| इसी दौरान जेल में उसकी मुलाकात रोहतास डीएफओ के हत्या के आरोप में बंद नक्सली निराला यादव से हुई| सरेंडर करने वाले नक्सली ने बताया कि जेल में जब मैं डीएफओ की हत्या में कैद नक्सली से मिला तो उसने कहा कि तुम बाहर जाआगे तो तुम्हारी हत्या कर दी जाएगी इसलिए बचना चाहते हो तो नक्सली बन जाओ| फिर क्या था भोरिक यादव जो सिर्फ एक हत्या का आरोपी था वो कैमूर पहाड़ी का टीपीसी का एरिया कमाण्डर बन गया| कैमूर पुलिस ने जब पहाड़ी पर अभियान तेज किया तो उसने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया|
वही नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाने वाले शांति सेना के सदस्य बहादुर यादव ने बताया कि अधौरा पहाड़ी पर शांति सेना नक्सलियों के विरूद्ध लड़ाई लड़ती रही जब पता चला कि कैमूर पहाड़ी पर फिर एक बार नक्सली गतिविधि हो रहा है तो पुलिस से मिलकर नक्सली भोरिक यादव को सरेंडर कराया गया|
इस बारे में कैमूर एसपी दिल नवाज़ अहमद ने बताया कि भोरिक यादव की एक नक्सली जो रोहतास डीएफओ के हत्या के आरोप में बंद था से मुलाकात हो गई जिससे इसे नक्सली संगठन में जाने की सलाह दे डाली पर इसे नक्सली काम गलत लगा जिसके बाद मुख्यधारा में जुटने के लिए अपने हथियार के साथ आज सरेंडर किया. पुलिस इस नक्सली के मुख्यधारा मे जुड़ने के बाद से मिलने वाली सरकारी मदद देगी|