• सितंबर महिने में हुई जमकर बारिश ने किसानों की कमर तोड़ी।
• पंचदेवरी में बारिश से सब्जी के 80 फिसदी फसल हुई नष्ट।
पंचदेवरी। व्हीएसआरएस संवाददाता: प्याज, लहसुन, दाल सहित हरी सब्जियों की कीमतें एक बार फिर से आसमान छू रही हैं। कोविड-19 महामारी व लगातार बारिश के कारण हरी सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। निम्न व मध्यम वर्गीय परिवार बढ़ती महंगाई से परेशान हैं। अरहर व मसूर के दाल, प्याज, आलू, भिडी, टमाटर, परवल, बैंगन, हरी मिर्च समेत हरी सब्जियों के मूल्य बढ़ने से लोग परेशान हैं। सबसे अधिक परेशानी गरीब परिवारों को हो रही है। पंचदेवरी में हजारों परिवार ऐसे हैं जो प्रतिदिन मेहनत-मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। ऐसे परिवार किसी तरह से दो वक्त के भोजन का जुगाड़ कर पा रहे हैं।
जमुनहां बाजार के सब्जी विक्रेता नन्हे गुप्ता, गोविन्द केशरी, अंशु केशरी, काशीनाथ केशरी, सुदामा सिंह के मुताबिक मौसम के उतार-चढ़ाव के चलते सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी हुई है। खासकर सितंबर माह में बारिश के कारण सब्जियों की फसल को अधिक नुकसान हुआ है। मंडियों में सब्जियेां के भाव आसमान छू रहे है। जिससे में छोटे बाजारों में भी सब्जी महंगी बीक रही है।
वहीं भृगींचक निवासी सब्जी उत्पादक किसान रंजय सिंह, राकेश सिंह, प्रेमचन्द्र भगत, गोपालजी भगत, महंथवा गांव निवासी उपेन्द्र सिंह, संतोष सिंह आदि ने बताया कि सितंबर महिने में लगातार हुई बारिश से सब्जी फसल 80 फिसदी बर्बाद हो गई। जिससे सब्जी का उत्पादन कम हो गया। अगले माह से सब्जी भारी मात्रा में निकलेन लगेगी। नवंबर में सब्जी की कल्लत कम हो जाएगी।
कृषि विशेषज्ञ का कहना है कि सब्जी की खेती कच्ची खेती होती है। हल्की बारिश से फसलों को भारी नुकसान होता है। सितंबर महिने में जमकर हुई बारिश ने सब्जी उत्पादकों की कमर तोड़ दी है। किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ताकि कम लगात में अधिक मुनाफा किसान कर सके। इस बार किसान जैविक खेती की तरफ रूख किए है।
सब्जियों के भाव
• आलू 40-45
• प्याज 80- 100
• गोभी 50- 60
• टमाटर 80- 90
• भिंडी 80- 90
• तोराई 60- 70
• नेनुआ 40- 50
• करेला 40- 50
• हरामिर्चा 80-100 • कद्दू 60-70 • बैगन 40-50