बक्सर| व्हीएसआरएस न्यूज: बिहार सरकार की महत्वकांक्षी योजना सात निश्चय के तहत राज्य के हर गांव में पक्की नाली और गली का निर्माण किया जाना है। बावजूद इसके इटाढ़ी प्रखंड के हरपुर जलवासी पंचायत के बसांव खुर्द गांव के ग्रामीण इन सारी सुविधाओं से महरूम हैं। गांव में पक्की नाली के निर्माण के लिए ग्रामीण जब अधिकारियों से गुहार लगाते थक गए, तब खुद ही उन्होंने इसका बीड़ा उठाया और गांव से चंदा एकत्र कर पक्की नाली के निर्माण में जुट गए।
सालों भर मुख्य सड़क पर नाले का पानी जमा रहता है
एक हजार की आबादी वाले इस गांव में रहने वाले तमाम ग्रामीणों का मुख्य पेशा कृषि है। गांव में पक्की सड़क का निर्माण तो वर्षों पहले हो गया था, पर पानी के निकासी के लिए नाली का निर्माण नहीं होने के कारण अधिकांश घरों का पानी सड़क पर ही बहता था। आबादी बढ़ने के साथ समस्या धीरे धीरे गहराती चली गई। अब आलम यह था कि गांव की मुख्य सड़क पर सालों भर नाली का पानी जमा रहने लगा। जिसके कारण ग्रामीणों को आनेजाने के साथ ही खेत से पैदा होनेवाले अनाज को बाजार तक पहुंचाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
ग्रामीणों की गुहार किसी ने नही सुनी
मिली जानकारी अनुसार गांव में पक्की नाली निर्माण के लिए ग्रामीण अधिकारियों के यहां गुहार लगाते थक गए, पर किसी ने ग्रामीणों की फरियाद नहीं सुनी। जल जमाव से होने वाली तरह तरह की बीमारियों की आशंका से ग्रसित ग्रामीणों ने एक बैठक कर स्वयं ही पक्की नाली निर्माण का फैसला लेते हुए करीब 50 हजार का स्टीमेट रखा गया। इसके लिए गांव के हर घर से उसकी क्षमता के अनुसार चंदा एकत्र किया गया, साथ ही यह भी तय हुआ कि यदि खर्च बढ़ा तो चंदा की रकम और बढ़ाई जाएगी। इस निर्णय के साथ ही चंदा एकत्र कर दो दिन पूर्व नाली का निर्माण शुरु कर दिया गया।
मेहनत कि फसल बेचकर कर रहे नाले का निर्माण
इस सम्बंध में गांव के ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पीसीसी सड़क वर्षों पहले का बना हुआ है, पर घरों से निकलने वाले गंदे पानी के निकास का तब कोई प्रबंध नहीं किया गया था। इस बीच अधिकारियों से गुहार लगाते थक जाने के बाद धान की फसल बेचकर नाली निर्माण में सभी लोग लगे हैं। चुकी गांव में सभी किसान ही हैं, और सड़क पर सालों भर पानी लगे होने से फसल बेचने में भी काफी परेशानी होती थी। ऐसे में नाली निर्माण को आवश्यक समझते हुए पूरे गांव का सहयोग मिल रहा है।