पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) मराठा आरक्षण महाराष्ट्र सरकार के जी का जंजाल बन गया है। मराठा समुदाय के आर्थिक दुर्बल घटकों को आरक्षण के बदले ईडब्लूएस लाभ देकर बैठे बैठे झंझट मोल ले ली है। आज पुणे में मराठा क्रांति मोर्चा के पदाधिकारियों ने एक पत्रकार परिषद में कहा कि महाराष्ट्र की आघाडी सरकार धोखेबाज निकली। हमने मराठा आरक्षण मांगा हाथ में ईडब्लूएस थमाया। सरकार ने मराठों को धोखा दिया है।
42 युवाओं ने की आत्महत्या
मराठा क्रांति मोर्चा जो पहले से ही सरकार से नाराज था अब कडी आलोचना कर रहा है। उनका कहना है कि ईडब्लूएस आरक्षण के लिए सार्वजनिक तौर पर मराठा कभी भी मांग नहीं की थी। इस आरक्षण के लिए अब तक 42 युवाओं ने आत्महत्या कर चुके है। सरकार ने इन युवाओं का अपमान किया है। गायकवाड आयोग का भी अपमान हुआ है।
मराठों के पीठ में छुरा
सरकार का तर्क है कि अगर हमने हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार ईडब्ल्यूएस आरक्षण दिया है तो हाईकोर्ट ने खुद गायकवाड़ आयोग द्वारा दिए गए आरक्षण को मान्य किया है? फिर 25 जनवरी को स्थगन हटाने का समय आ गया है। सरकार ने इसे समाप्त करने के लिए कदम उठाए हैं। महाविकास आघाडी सरकार ने मराठों की पीठ में छुरा घोंपा है। पत्रकार परिषद में श्रीमंत कोकाटे, मराठा सेवा संघ के राजेंद्र कुंजीर,राष्ट्र सेवा समूह के राहुल पोकले,संभाजी ब्रिगेड के विकास पासलकर,उत्तम कामठे,मराठा महासंघ के अनिल मारणे,अखिल भारतीय मराठा सेवा संघ के शशिकला भोसेकर आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।