पटना| व्हीएसआरएस न्यूज: बिहार में राज्यपाल कोटे की विधान परिषद की सीटों के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सभी 12 एमएलसी के नामों की घोषणा चुनाव आयोग ने कर दी है। एनडीए के घटक दल जनता दल यूनाइटेड व भारतीय जनता पार्टी ने छह-छह सीटें बांट ली हैं। एनडीए में सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा तथा विकासशील इनसान पार्टी एक भी सीट नहीं मिली है। जेडीयू ने अपनी सूची में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का विलय कर पार्टी में आए उपेंद्र कुशवाहा को जगह दी है। जबकि, ‘हम’ सुप्रीमो जीतन राम मांझी की एक सीट की मांग अनसुनी कर दी है। इसे लेकर ‘हम’ से नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल उठाए हैं।
जेडीयू व बीजेपी से ये बने एमएलसी
जेडीयू ने अपनी सूची में उपेंद्र कुशवाहा, संजय सिंह, राम वचन राय, अशोक चौधरी, संजय गांधी और ललन सर्राफ को जगह दी है। उधर, बीजेपी की सूची में राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, डॉ. प्रमोद कुमार, घनश्याम ठाकुर, निवेदिता सिंह, जनक राम व देवेश कुमार को जगह मिली है। दोनों दलों ने अपने अनुसार सामाजिक समीकरणों का ध्यान रखा है, लेकिन इस प्रक्रिया में जीतन राम मांझी व मुकेश सहनी को निराशा हाथ लगी है।
मांझी व सहनी को मिली निराशा
जेडीयू से उपेंद्र कुशवाहा, संजय सिंह, राम वचन राय, अशोक चौधरी , संजय गांधी और ललन सर्राफ शपथ लेंगे। वहीं बीजेपी से राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, डॉ प्रमोद कुमार, घनश्याम ठाकुर, निवेदिता सिंह, जनक राम व देवेश कुमार को सदस्यता की शपथ दिलाई जाएगी। हालांकि बीजेपी और जदयू से राज्यपाल के मनोनयन वाली 12 सदस्यों नाम की सूची जारी होते ही हम अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने नाराजगी जताई। उन्होंने हम से भी एक नेता को विधान परिषद भेेजने की मांग की थी। वहीं दूसरे घटक दल वीआइपी के मुकेश सहनी को भी निराशा ही हाथ लगी है।