गया। व्हीएसआरएस न्यूज: मोक्ष की नगरी गया में मौनी अमावस्या पर गुरुवार को पिंडदान और तर्पण के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। दूर-दूर से पहुंचे लोगों ने अपने पितरों के मोक्ष के लिए तर्पण और पिंडदान किया। तीर्थ यात्रियों की भीड़ सबसे ज्यादा देवघाट, गयाकूप, विष्णुपद, सीता कुंड, प्रेतशिला, अक्षय वट पिंडवेदी पर देखी गई। इस कारण मेले सा नजारा बना रहा।
सुबह से ही लगी थी भीड़
आज मुक्त पिंडवेदियों पर अलसुबह से ही पिंडदानी पहुंचने लगे थे। गयापाल पुरोहित वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कर्मकांड संपन्न करा रहे थे। देवघाट में फल्गु नदी की रेत पर बैठकर पिंडदान का सिलसिला चल रहा था। इस बारे मे विष्णुपद प्रबंध कारिणी समिति के सदस्य महेश लाल गुप्त ने कहा कि सनातन धर्म में सभी तिथियों का अलग अलग महत्व है। इस मौनी अमस्या का महत्व कुछ खास है। जहां लोग मौन रहकर स्नान एवं दान पूर्ण करते हैं। अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर पिंडदान भी करते हैं । इसी कारण आज विष्णुपद क्षेत्र में भीड़ देखी जा रही है। हजारों की संख्या में पिंडदानियों ने पिंडदान किया।
गुलजार दिखी पिंडवेदी
वही कोरोना के कारण तीर्थयात्रियों का आगमन बंद था। इस कारण से वीरानगी पसरी थी। विष्णुपद मंदिर भी बंद कर दिया गया था। देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्री गयाधाम पहुंच नहीं रहे थे। लेकिन मौनी अमावस्या पर वह सन्नाटा दूर हुआ। काफी संख्या में पिंडदानी पहुंचे हुए हैं।
विभिन्न राज्यों के लोगो ने किया पिंडदान
आपको बताते चले कि गया शहर स्थित पिंडवेदियों पर वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ कई राज्य के लोगों ने अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर कर्मकांड किया। इसमें सबसे अधिक दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्य के लोग पहुंचे। पिंडदान के बाद भगवान श्री हरि विष्णु के चरण चिह्न पर पिंड अर्पित किया गया। इसको लेकर मंदिर के गर्भगृह में भीड़ देखी गई।