पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड मनपा के स्थायी समिति में अचानक लाए गए विषयों के आधार पर 30 करोड रुपये वृद्धि खर्च को मंजूरी दी गई। पिछले चार दिनों से यह मुद्दा सुर्खियों में बना है। इस बारे में सामाजिक कार्यकर्ता मारुति भापकर ने आयुक्त श्रावण हर्डीकर को एक पत्र देकर मांग की है कि तत्काल 30 करोड के निर्णय को स्थगन आदेश जारी करें और इसमें लिप्त सभी संबंधित अधिकारियों,ठेकेदारों,जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध कडी कार्रवाई की जाए। जनता के टैक्स के रुप में पालिका तिजोरी में जमा धन की सरेआम लूट हो रही है। ऐसा आरोप भापकर ने लगाया।
पिंपरी चिंचवड़ पालिका स्थायी समिति ने 23 दिसंबर और 30 दिसंबर 2020 को बापूजी बुआनगर में अस्पताल के निर्माण के लिए स्थायी समिति की बैठक ने 14 करोड़ 30 लाख रुपये के अतिरिक्त खर्च को मंजूरी दी। साथ ही बिजलीनगर से गुरुद्वारे तक मेट्रो के निर्माण के लिए 4 करोड़ 50 लाख रुपये का अतिरिक्त व्यय स्वीकृत किया गया है। नगर कार्यशाला विभाग में कार्यों के लिए 2 करोड़ 10 लाख रुपये का अतिरिक्त व्यय स्वीकृत किया गया। दफन जमीन के लिए देखभाल दुरुस्ती के लिए 30 लाख 16 हजार 690 रुपये की अतिरिक्त लागत मंजूर की गई। औंध रावेत बीआरटीएस मार्ग पर पार्क स्ट्रीट के सामने बन रहे मेट्रो कार्य के लिए 96 लाख 97 हजार रुपये की वृद्धि को मंजूरी दी गई। पालिका में भाजपा की सत्ता सत्ता है और जब वह सत्ता में नहीं थी,तो भाजपा विपक्ष में रहकर ऐसे विषयों का विरोध करती थी। आज एनसीपी और शिवसेना जो विपक्ष में है मौन स्वीकृति दे रही हैं मौन सहमति दे रही हैं। इस प्रकार समय के मुद्दे में लाना और करोड़ों रुपये के बढ़े हुए खर्च को मंजूरी देना पिंपरी-चिंचवड़ के करदाताओं के धन को लूटने की साजिश है।
मारुति भापकर ने आयुक्त से मांग की है कि ऐसे विषयों को स्थगित करके दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। जिन्होंने इन विषयों की अनुमानित लागत तय की है। इस मामले में अधिकारियों,ठेकेदारों,सलाहकारों और जनप्रतिनिधियों से पूछताछ की जानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।