bihar News पटना(व्हीएसआरएस न्यूज) बिहार की राजनीति के लिए आज का दिन बेहद अहम रहा। नीतीश सरकार ने विधानसभा में पेश विश्वास मत में जीत हासिल कर ली है। एनडीए के पक्ष में कुल 129 वोट पड़े हैं. इस बीच विपक्ष ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया था। इससे पहले पटना में सियासी उठापटक देखने को मिली। आरजेडी, कांग्रेस समेत महागठबंधन में शामिल सभी विधायकों को पटना में तेजस्वी आवास पर रोका गया था, वहीं बीजेपी-जेडीयू विधायकों को चाणक्य होटल और पाटलिपुत्र होटल में रखा गया था।
बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें है। बहुमत का आंकड़ा 122 है, जबकि छऊ के पास 128 विधानसभा सदस्य हैं। जिसमें बीजेपी के पास 78 सीटें,जेडीयू के पास 45 सीटें, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के पास 4 सीटें और एक निर्दलीय विधायक सुमित सिंह भी साथ हैं। जबकि विपक्ष के पास 114 विधायक हैं। इसमें आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19, सीपीआई (एमएल) के 12, सीपीआई (एम) के 2, सीपीआई के 2 विधायक हैं। नीतीश सरकार के बहुमत परीक्षण पर टिकी थीं। राजद की ओर से लगातार दावा किया जा रहा था कि फ्लोर टेस्ट वाले दिन खेला होगा, नीतीश कुमार की सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाएगी। जीतनराम मांझी ने भी ऐसे संकेत दिए जिससे खेला होने का संकेत मिलने लगा था। लेकिन विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो घटनाक्रम तेजी से बदला। भाजपा सांसद नित्यानंद राय, जीतनराम मांझी और उनकी पार्टी ’हम’ के 4 विधायकों को लेकर विधानभवन पहुंचे।
नीतीश कुमार को बताया रामायण का दशरथ
इस दौरान तेजस्वी यादव ने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि, यह अपने आप में एक इतिहास है। 9 बार मुख्यमंत्री शपथ तो छोड़िये, ये देश के एकमात्र ऐसे उच् हैं जिन्होंने एक ही टर्म में तीन-तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। नीतीश कुमार रामायण के राजा दशरथ के जैसे हैं। इन्होने मुझे अपना बेटा माना। दशरथ ने भगवान राम को वनवास भेजा था और नीतीश ने मुझे जनता के बीच में उनकी बात सुनने और काम करने के लिए भेजा है। हम आपको अपने परिवार का सदस्य मानते हैं। हम समाजवादी परिवार से हैं, जो आप झंडा ले कर चले थे कि मोदी को देश में रोकना है, अब आपका भतीजा ये झंडा उठा कर मोदी को बिहार में रोकने का काम जारी रखेगा।
इस निर्णय के पीछे ऐसी क्या मजबूरी थी आपकी- तेजस्वी यादव
उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, नीतीश कुमार ने हमें पहले भी आशीर्वाद दिया था कि अब यही आगे बढ़ाएगा। हम मानते हैं कि हम वनवास नहीं आए हैं। नीतीश जी ने हमें कहा था कि बीजेपी वाले ईडी-सीबीआई लगाकर फंसाने का काम करते हैं। तेजस्वी ने नीतीश से सवाल किया कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि आपको ये निर्णय लेना पड़ा। आपने बोला था कि आपने एनडीए को इसलिए छोड़ा था क्योंकि हमारी पार्टी को तोड़ने का प्रयास किया था। यह आप ही का कहना था कि हम सभी का एक ही लक्ष्य है- देशभर के विपक्षी दलों को एकजुट करना।
थके हुए मुख्यमंत्री को हमने दौड़ाया है
तेजस्वी ने सदन में कहा कि, हमने पहले ही कहा था कि अगर हम आपके साथ आएंगे तो आप विश्वास दिलाइए कि हमारी बिहार की जनता को 10 लाख नौकरी वाले वादा को आप पूरा करेंगे। उसके बाद सीएम ने कहा कि वित्त सचिव जा रहे हैं। वो आपको एक्सप्लेन कर देंगे। वो हमें फाइल दिखाते हैं कि कैसे होगा। हमने बोल दिया किसी भी हालत में ये काम हमें करना है। आपने असंभव बोला था, लेकिन हमने 17 महीने में काम करके दिखाया। जो थके हुए मुख्यमंत्री थे, उनको हमने दौड़ाने का काम कराया है।
मोदी के गारंटी पर उठाया सवाल
इसके साथ ही ठगऊ नेता तेजस्वी ने मोदी से भी सवाल किया। उन्होंने कहा कि, क्या प्रधानमंत्री मोदी इस बात की गारंटी लेंगें कि नीतीश कुमार फिर से अपना पाला नहीं बदलेंगे। कोई आए न आए, जब समय आएगा तो तेजस्वी आएगा। हम लोग बिहार के हित और तरक्की के लिए काम करेंगे, बिहार सरकार में जब तक स्थिरता नहीं रहेगी, तब तक विकास संभव नहीं है।