पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड मनपा में शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे से पार्टी हाईकमान बेहद नाराज है। तत्काल गुटनेता पद से इस्तीफा देने को कहा है। शिवसेना मनपा में सत्ता लाने का सपना देख रही है दूसरी ओर गुटबाजी के कारण शिवसेना आगे पनप नहीं रही।
शिवसेना के हाईकमान ने राहुल कलाटे से इस्तीफा देने को क्यों कहा? आओ इसके पीछे की कहानी बताते है। हाल ही में स्थायी समिति में सदस्य का चयन चुनाव था। शिवसेना की ओर से एक सदस्य को स्थायी समिति में भेजा जाना था। पार्टी की ओर से अश्विनी चिंचवडे का नाम फाइनल था। लेकिन महासभा में राहुल कलाटे गुटनेता होने के नाते अपने समर्थक मीनल यादव के नाम की सिफारिश भरा बंद लिफाफा महापौर को सुपुर्द किया। मतलब पार्टी हाईकमान के आदेशों का सीधा उल्लंघन किया। इससे पार्टी के नेतागण नाराज हो गए और पार्टी का अनुशासन भंग करने के आरोप में गुटनेता पद से इस्तीफा देने को कहा है। ऐसी चर्चा आज पालिका गलियारों से छनकर आ रही थी।
आपको बताते चलें कि अश्विनी चिंचवडे शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे समर्थक है। जबकि मीनल यादव गुटनेता राहुल समर्थक मानी जाती है। राहुल कलाटे और श्रीरंग बारणे नदी के दो किनारा है। सांसद होने के बावजूद बारणे का मनपा में कुछ नहीं चलता। राहुल कलाटे जो बोले सो निहाल वाली बात है। राहुल कलाटे की मातोश्री में अच्छी खासी पकड है। यही कारण है कि स्थानीय नेताओं की पुकार मातोश्री जाते जाते दम तोड देती है। चुनाव का आखिरी वर्ष है राहुल कलाटे को अगर इस्तीफा देना भी पडे तो उनकी सेहद पर कोई फर्क नहीं पडेगा। क्योंकि स्थायी समिति में वे हटते ही अपने समर्थक मीनल यादव को भेजने में सफल रहे। यह भी सत्य है कि राहुल कलाटे पिछले चुनाव में अपने दम पर कई नगरसेवक चुनकर लाए। शिवसेना सांसद होने के बावजूद बारणे अपने गृहक्षेत्र थेरगांव में एक भी नगरसेवक चुनकर नहीं ला सके। भोसरी विधानसभा में शुन्य नगरसेवक की स्थिति है। सुलभा उबाले जैसे धाकड महिला नगरसेविका चुनाव हार गई। अब देखना होगा कि राहुल कलाटे इस्तीफा देते हैं या फिर पद पर बने रहते है।