Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मस्जिदों पर लगे हॉर्न को हटाने के लिए आज (4 मई) तक की समय सीमा दी थी। हालांकि, हॉर्न नहीं हटाए जाने से राज्य में कई जगहों पर मनसे कार्यकर्ता आक्रामक हो गए हैं। वहीं पुलिस मनसे के इन पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर रही है। इस बीच, मनसे पुणे शहर के अध्यक्ष साईनाथ बाबर और नेता वसंत मोरे आज सुबह से ही नॉट रिचेबल हैं। इससे कई चर्चाएं हुई हैं।
मुंबई में एक बैठक में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा मस्जिद की घंटियों के खिलाफ अपने रुख की घोषणा के बाद वसंत मोरे ने खुलकर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी।उसके बाद, उन्हें शहर के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। राज ठाकरे ने साईनाथ बाबर को शहर अध्यक्ष का पद सौंपा। इन दोनों वार्डों में मुस्लिम मतदाता अधिक हैं। इस बीच एक मई को औरंगाबाद में हुई मनसे की बैठक में राज ठाकरे ने चार मई तक का अल्टीमेटम देते हुए हंगामे का मुद्दा उठाया था। राज ठाकरे ने चेतावनी दी थी कि अगर भोंपू नहीं हटाया गया तो मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। उनके मुताबिक मनसे के कार्यकर्ता आज सुबह से ही राज्य में सड़कों पर उतर आए हैं।
इसके बाद पुलिस ने मनसे पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया। घटना के दौरान पुलिस ने पुणे के अजय शिंदे और हेमंत संभुस को भी गिरफ्तार किया था। लेकिन शहर अध्यक्ष साईनाथ बाबर और वसंत मोरे कहीं नजर नहीं आए। उनके फोन भी स्विच ऑफ हैं। चूंकि ये दोनों उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए नई चर्चाएं छिड़ गई हैं। अब देखना यह होगा कि ये दोनों क्या भूमिका निभाते हैं। मनसे में रहेंगे या नहीं। मनसे कार्यकर्ताओं का नेतृत्व करने के बजाय मैदान छोडकर लुप्त होने वाले दोनों नेताओं पर राज ठाकरे क्या कार्रवाई करते है यह भी देखना बाकी है।