Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी डेयरी फार्म में रेलवे फ्लाईओवर में बाधा बन रहे 142 पेड़ों को काटने के पालिका के फैसले पर पर्यावरणविदों के कड़े विरोध के बाद प्रशासन ने नरम रुख अपनाया है। यह स्पष्ट किया गया कि 142 में से 64 पेड़ों को दोबारा लगाया जाएगा।
कमिश्नर शेखर सिंह ने पुल में बाधा बन रहे पेड़ों को काटने की मंजूरी दे दी थी। इस फैसले के खिलाफ पर्यावरणविदों ने आवाज उठाई। उन्होंने पेड़ों को काटने के बजाय दोबारा लगाने की मांग की। तब प्रशासन ने कहा था कि कुछ पेड़ों को दोबारा लगाया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य यातायात की भीड़ को कम करना, पेड़ों को फिर से लगाना और नागरिकों के सामने आने वाली समस्याओं को कम करके पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान करना है। प्राकृतिक पर्यावरण के महत्व को समझते हुए, स्थानीय वनस्पतियों और जीवों पर निर्माण प्रक्रिया के प्रभाव को कम करने के उपाय किए गए हैं। वृक्ष प्राधिकरण समिति ने रक्षा विभाग की भूमि पर पेड़ों का आकलन करने के बाद पेड़ों की कटाई के साथ-साथ पुनर्रोपण को भी मंजूरी दे दी है। इसमें सुबबूल, बबूल, गुलमोहर और बरसाती जैसे 142 पेड़ शामिल हैं। प्रशासन ने कहा कि इनमें से 64 पेड़ों को दोबारा लगाया जाएगा।
पिंपरी क्षेत्र के नागरिकों की यातायात समस्या को हल करने के लिए डेयरी फार्म स्थित मुंबई-पुणे रेलवे फाटक पर 565 मीटर लंबा रेलवे फ्लाईओवर बनाने का काम जारी है। दापोडी-निगडी रोड को पावर हाउस चौक से जोड़ने वाले फ्लाईओवर का निर्माण तेजी से बढ़ती आबादी की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। चार स्तरीय इस फ्लाईओवर में छोटे वाहनों के साथ-साथ भारी वाहनों को भी ले जाने की क्षमता होगी। इस पुल के बन जाने से पिंपरी, पिंपले सौदागर, रहाटनी इलाके के यात्रियों का सफर और भी सुविधाजनक हो जाएगा। कमिश्नर शेखर सिंह ने कहा कि इस परियोजना से नागरिकों को सुविधा, सुरक्षा और ईंधन बचत की दृष्टि से लाभ होगा।