Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) प्राचीन काल से ही दशहरे के दिन सोना लूटने की परंपरा है और उसी परंपरा के अनुसार लाखों श्रद्धालु सुनहरी साड़ी में श्री महालक्ष्मी देवी के दर्शन करने आते थे। पुणे के सारसबाग में श्री महालक्ष्मी मंदिर प्रशासन के माध्यम से हर साल देवी की मूर्ति को 16 किलो सोने की साड़ी पहनाई जाती है। विजयादशमी के अवसर पर देवी को यह साड़ी पहनने की परंपरा है।
यह साड़ी श्री महालक्ष्मी मंदिर सारसबाग, श्री बंसीलाल रामनाथ अग्रवाल धार्मिक एवं सांस्कृतिक ट्रस्ट द्वारा साल में दो बार पहनाई जाती है। आज सोने की साडी परिधान की गई,इस अवसर पर संस्थापक ट्रस्टी राजकुमार अग्रवाल, मुख्य ट्रस्टी अमिता अग्रवाल,प्रताप परदेशी, तृप्ति अग्रवाल, भरत अग्रवाल, प्रवीण चोरबेले, हेमन्त अर्नालकर आदि उपस्थित थे।
इस सोने की साड़ी को 21 साल पहले दक्षिण भारतीय कारीगरों ने तैयार किया था। इस साड़ी को बनाने में लगभग 6 महीने का समय लगता है। यह साड़ी एक भक्त ने देवी को अर्पित की है। इस साड़ी का वजन 16 किलो तक है। दशहरा और लक्ष्मी पूजा के दिन यह साड़ी देवी को पहनाई जाती है। यह सोने की साड़ी आकर्षक कढ़ाई से बनाई गई है। इसलिए, सुनहरे वस्त्रों में श्री महालक्ष्मी देवी के इस रूप को देखने के लिए भक्त उमड़ पड़ते हैं।