Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली,स्कूल शिक्षा और खेल विभाग महाराष्ट्र राज्य और राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा शिव छत्रपति खेल परिसर में आयोजित 50वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन राज्यपाल रमेश बैस ने किया। देश भर से विभिन्न संस्थानों और छात्रों की भागीदारी के माध्यम से,यह सिर्फ एक विज्ञान प्रदर्शनी नहीं बल्कि विज्ञान का उत्सव बन गया है। चूंकि इस प्रदर्शनी में बहुत सारे छात्र आएंगे,इसलिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण दिखाने वाली यह आंधी हर घर तक पहुंच जाएगी। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, उच्च और तकनीकी शिक्षामंत्री चंद्रकांत पाटिल,स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव रंजीतसिंह देवल, एनसीईआरटी के संयुक्त निदेशक डॉ.श्रीधर श्रीवास्तव, स्कूल शिक्षा आयुक्त सूरज मंधारे, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक अमोल येडगे आदि उपस्थित थे।
राज्यपाल श्री बैस ने कहा, विद्यार्थियों में नियमित शिक्षा ग्रहण करते हुए विज्ञान विषय के प्रति रुचि पैदा करने और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। प्रदर्शनी छात्रों और बाल वैज्ञानिकों की रचनात्मकता को प्रोत्साहित करती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि स्कूलों को छात्रों के नवाचारों को आगे बढ़ाने के लिए ऐसी प्रदर्शनियों का आयोजन करना चाहिए। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम दृढ़ इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास के बल पर राष्ट्रपति पद तक पहुंचे। हर व्यक्ति में ऐसा गुण होता है और यह इच्छा शक्ति से सामने आता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बाल वैज्ञानिकों की इस प्रदर्शनी के माध्यम से भविष्य के वैज्ञानिक तैयार होंगे, उनके वैज्ञानिक आविष्कारों के माध्यम से नए पेटेंट पंजीकृत होंगे और ये बाल वैज्ञानिक देश की वैज्ञानिक प्रगति में योगदान देंगे।
यह बच्चों की विज्ञान प्रदर्शनी ’प्रौद्योगिकी और खिलौने’ विषय पर आधारित है। भारत में स्थानीय खिलौनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। यदि खिलौना विज्ञान विषय पर आधारित है तो मनोरंजन से विज्ञान के प्रति रुचि पैदा होगी। यदि स्कूलों में भी ऐसी प्रदर्शनी का आयोजन किया जाए तो विद्यार्थियों में रचनात्मकता बढ़ेगी। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से प्रदर्शनी में अच्छे उत्पादन के प्रयासों को बिना रुके अपने शोध प्रयासों को जारी रखने का आग्रह किया। बैस ने किया। यह कहते हुए कि पुणे संस्कृति और शिक्षा का केंद्र है, डॉ. वसंत गोवारिकर, डॉ. जयन्त नार्लिकर, डॉ. विजय भटकर, डॉ. अनिल काकोडकर, आदि उपस्थित थे।
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री पाटिल ने कहा, पुणे को 1979 और 2006 में मुंबई में यह प्रदर्शनी आयोजित करने का अवसर मिला। हाल के दिनों में आर्थिक प्रगति के लिए नवप्रवर्तन और नवीनता के महत्व ने ऐसी प्रदर्शनियों का महत्व बढ़ा दिया है। इसलिए नई शिक्षा नीति में कौशल विकास पर जोर दिया गया है। प्राथमिक शिक्षा में भी विद्यार्थियों की जिज्ञासा बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शित वैज्ञानिक आविष्कार बहुत उपयोगी हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि एक ट्रस्ट बनाकर ऐसी प्रदर्शनियों की अच्छी प्रस्तुतियों का विपणन करने का प्रयास किया जाना चाहिए।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री केसरकर ने कहा, नई शिक्षा नीति के अनुरूप यह प्रदर्शनी महत्वपूर्ण है। नये युग की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हमें टेक्नोलॉजी और कौशल विकास के क्षेत्र में ध्यान देना होगा। शिक्षा के माध्यम से रोजगार पाने के लिए छात्रों के सामने अच्छी तकनीक रखनी होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि इस प्रदर्शनी में छात्रों के वैज्ञानिक आविष्कार स्कूली छात्रों को प्रेरित करेंगे और उन्हें दुनिया का नेता बनाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ’मेरा विद्यालय सुन्दर विद्यालय’ अभियान चलाया जा रहा है।
एनसीईआरटी के संयुक्त निदेशक श्रीवास्तव ने कहा, पिछले पांच दशकों से यह प्रदर्शनी विभिन्न राज्यों में आयोजित की जा रही है। एनसीईआरटी छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत है। यह प्रदर्शनी विद्यार्थियों में नवाचार को प्रोत्साहित करने में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में ’प्रौद्योगिकी और खिलौने’ विषय पर नवाचार प्रस्तुत किये जायेंगे। श्री येडगे ने परिचय में बाल विज्ञान प्रदर्शनी के बारे में जानकारी दी। इस वर्ष 173 बाल वैज्ञानिकों ने अपनी प्रतिकृतियों के साथ इस प्रदर्शनी में भाग लिया है। प्रतिदिन 10 हजार विद्यार्थी, शिक्षक, अभिभावक प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे। उन्होंने बताया कि इस दौरान प्रदेश भर के स्कूलों में विज्ञान पखवाड़ा मनाया जाएगा। कार्यक्रम से पहले राज्यपाल रमेश बैस ने विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन किया और विद्यार्थियों से बातचीत की। उन्होंने छात्रों की रचनात्मकता और आविष्कारशीलता की सराहना की।
बाल विज्ञान प्रदर्शनी 2023
यह राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी का स्वर्ण जयंती वर्ष है। इस प्रदर्शनी में छात्र, शिक्षक, अभिभावक, विभिन्न हितधारकों के साथ-साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोग आएंगे। प्रदर्शनी में 31 राज्यों के विद्यार्थियों ने भाग लिया है। इसके अलावा नये शैक्षिक विचार प्रवाह, सफलता की कहानियों और सफल पहल के लिए राज्य के चयनित 25 कक्षों के माध्यम से विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को भाग लेने का अवसर देना।