Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने आज कहा कि नई शिक्षा नीति में छात्रों के समग्र विकास को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि लोनावला में होने वाले निपुण भारत के तहत बुनियादी साक्षरता एवं न्यूमरेसी मिशन सम्मेलन में शिक्षा विभाग सभी समावेशी पहलुओं को प्रस्तुत करे।
वे महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन,शिवाजीनगर के सभागार में निपुण भारत अभियान के तहत बेसिक लिटरेसी एंड न्यूमरेसी और नई शिक्षा नीति पर शिक्षा परिषद की तैयारी पूर्व समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। शिक्षा आयुक्त सूरज मंधारे,राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक कौस्तुभ दिवेगांवकर,राज्य बोर्ड के अध्यक्ष शरद गोसावी,निदेशक (योजना) महेश पालकर, निदेशक (बाल भारती) के. बी पाटिल,संयुक्त निदेशक शिक्षा श्रीराम पंजादे आदि मौजूद थे। श्री केसरकर ने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बुनियादी भाषाई और गणितीय कौशल हासिल करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। प्राथमिक स्तर के छात्रों के लिए बुनियादी साक्षरता और अंक ज्ञान हासिल करने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में राज्य के सभी छात्रों के भविष्य की शिक्षा की नींव को मजबूत करने के लिए छात्रों,अभिभावकों,स्कूलों,शिक्षकों और समाज सभी को पहल करनी चाहिए।
केसरकर ने आगे कहा, छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा मिलनी चाहिए। 12वीं पास छात्रों को कौशल विकास शिक्षा देकर रोजगार मुहैया कराने की जरूरत है। आज विकसित देशों में कुशल जनशक्ति की आवश्यकता है। हम उन देशों को जनशक्ति प्रदान कर सकते हैं। उसके लिए, छात्रों को सर्व समावेशी कौशल आधारित शिक्षा मिलनी चाहिए। कुछ एनजीओ शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं। सामाजिक उत्तरदायित्व निधि के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में भी अच्छा कार्य हो रहा है। मुंबई में एक कौशल विकास केंद्र स्थापित किया जा रहा है। इसी तर्ज पर महाराष्ट्र के हर जिले में स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाए जाएंगे। लोनावला में होने वाले सम्मेलन में कौशल विकास पर 10 अच्छे विषयों का चयन करें।
छात्र प्रतियोगिताएं आयोजित की जानी चाहिए। छात्रों को स्काउट एंड गाइड, एनसीसी पर एक कोर्स की आवश्यकता है। छात्रों को अभिनय, नृत्य, फोटोग्राफी, कृषि, व्यावसायिक प्रशिक्षण, सामाजिक कार्य, भाषा आदि में चमकना चाहिए। कुल मिलाकर छात्रों को बहुउद्देश्यीय शिक्षा मिलनी चाहिए। इस संबंध में शिक्षा विभाग को प्रयास करना चाहिए। जिन जिला परिषद विद्यालयों में छात्रों की संख्या कम है, वहां सेवानिवृत्त शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। मुंबई में 500 शिक्षकों का अधिशेष है। उन्हें अन्यत्र समायोजित किया जाएगा। स्कूल में सभी मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए। विद्यालय परिसर साफ-सुथरा होना चाहिए। स्कूल में सोलर सिस्टम लगाने के लिए प्रस्ताव भेजा जाए। उन्होंने सुझाव भी दिया कि सम्मेलन में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इस अवसर पर शिक्षा आयुक्त सूरज मंधारे ने शिक्षा विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही विभिन्न परियोजनाओं की जानकारी दी।