Pcmc News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र जेल और सुधार सेवा विभाग ने राज्य के सभी जेल प्रमुखों को राज्य की जेलों में बंद पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और चरमपंथी कैदियों को छोड़कर विदेशी कैदियों के परिवारों और रिश्तेदारों को ई-जेल प्रणाली के माध्यम से वीडियो कॉलिंग की सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया है।
4 जुलाई 2023 से मानवता के दृष्टिकोण से सभी कैदियों को यह सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। वर्तमान में राज्य की विभिन्न जेलों में 637 बंदी पंजीकृत हैं। इसमें मुंबई, नवी मुंबई और अन्य महानगरों की जेलों में विदेशी कैदियों की संख्या अधिक है। नाइजीरिया, बांग्लादेश, केन्या, कोलंबिया, ईरान, इराक, ब्रिटेन, ग्रीस, गिनी, घाना, ब्राजील, थाईलैंड, युगांडा, चीन, पाकिस्तान, नेपाल आदि देशों के नागरिकों को विभिन्न अपराधों में गिरफ्तार कर जेल में बंद किया जाता है।
चूंकि विदेशी कैदियों के रिश्तेदार या वकील व्यक्तिगत रूप से मिलने और साक्षात्कार के लिए नहीं आ सकते हैं, इसलिए विदेशी कैदियों के लिए कानूनी सहायता प्राप्त करना और जेल से रिहा होना मुश्किल हो जाता है। इससे विदेशी कैदियों में अवसाद बढ़ने लगता है। जेल प्रशासन को इन बंदिशों पर लगातार निगरानी रखनी होगी। यह सुविधा विदेशी नागरिकों को उपलब्ध कराने से उन्हें तेजी से कानूनी सहायता प्राप्त करने में मदद मिलेगी और उन्हें जेल से जल्द बाहर निकलने में मदद मिलेगी। इससे जेलों में भीड़भाड़ कुछ हद तक कम करने में मदद मिलेगी।
इस सुविधा का हाल ही में पहली बार आर्थर रोड जेल में बंद एक नाइजीरियाई विदेशी बंदी और उसके रिश्तेदार ने सभी तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद केंद्रीय गृह विभाग के मार्गदर्शन में एनआईसी द्वारा विकसित ई-जेल प्रणाली के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दौरा किया था। जेल के विशेष पुलिस महानिरीक्षक डॉ. जालिंदर सुपेकर ने कहा कि विदेशी बंदियों के लिए इस सुविधा को सफलतापूर्वक लागू करने की जिम्मेदारी होनी चाहिए।