Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) चतुश्रृंगी पुलिस ने पुणे ग्रामीण पुलिस बल में शामिल होने की परियोजना से प्रभावित होने का फर्जी प्रमाण पत्र जमा करके धोखाधड़ी करने के आरोप में 10 उम्मीदवारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह पता चला है कि इन उम्मीदवारों ने बीड में कलेक्टर और जिला पुनर्वास अधिकारियों द्धारा प्रमाडित परियोजना पीड़ित होने का फर्जी प्रमाण पत्र जमा किया है।
पुणे ग्रामीण पुलिस बल के पुलिस उपाधीक्षक युवराज मोहिते ने चतु:श्रृंगी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में उम्मीदवार: समीनाथ सुधाकर कुड्डे ( पाडली, जिला. शिरूर, जिला बीड), अजय बब्रुवान जराक ( तकली, जिला. माढ़ा, जिला. सोलापुर), अक्षय बालासाहेब बडवे (सोमनाथनगर, कोंढवा बुद्रुक), दिनेश अर्जुन कांबले ( ब्रह्मगांव, जिला. बीड), राजेश रमेश धुले ( नांदेड़), अमोल विट्ठल गार्के ( बेंबर, जिला. भोकर, जिला. नांदेड़), ध्रुपद प्रह्लाद खरोडे ( वाकाड, जिला. भोकर) , जिला. नांदेड़), गोविंद भक्तराज मिटके ( शिवनगांव, जिला. उमरी, जिला. नांदेड़), आसाराम बालासाहेब चौरे (जिवाचीवाड़ी, जिला. के.जे. जिला. बीड), हेमंत विट्ठल निकम (दत्तविहार, जिला. वाघोली, जिला पुणे) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
पुणे ग्रामीण पुलिस बल पुलिस कांस्टेबल भर्ती प्रक्रिया 2021 में लागू की गई थी। भर्ती प्रक्रिया में फील्ड टेस्ट, लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को भर्ती के लिए प्रस्तुत शैक्षिक और अन्य दस्तावेजों के सत्यापन के लिए बुलाया गया था। भर्ती प्रक्रिया में आरक्षणवार दस्तावेजों के सत्यापन की जिम्मेदारी कलेक्टोरेट की पुनर्वास शाखा को सौंपी गई थी।
सोमिनाथ कुड्डे सहित दस उम्मीदवारों ने बीड में पुणे ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अपने परियोजना पीड़ितों के प्रमाण पत्र जमा किए थे। समाहरणालय की पुनर्वास शाखा द्वारा सत्यापन किये जाने पर उसके द्वारा जमा किया गया प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। तदनुसार, 10 उम्मीदवारों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है और सहायक पुलिस निरीक्षक संभाजी गुरव जांच कर रहे हैं।
ग्रामीण पुलिस बल भर्ती के लिए अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का सत्यापन किया गया। बीड कलेक्टर और पुनर्वास अधिकारियों से संपर्क किया गया और जानकारी मांगी गई। तब पता चला कि 10 अभ्यर्थियों ने प्रोजेक्ट से प्रभावित होने का दावा करते हुए फर्जी प्रमाणपत्र जमा कराए थे।