Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन,छात्र केंद्रित शासन,उद्योग क्षेत्र को विश्वविद्यालय से जोड़ना,रैंकिंग में विश्वविद्यालय की स्थिति को ऊपर उठाना अगले पांच वर्षों के लिए मुख्य लक्ष्य होंगे,डॉ.सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय ने कहा।
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के 21वें कुलपति के रूप में डॉ.सुरेश गोसावी ने आज पदभार ग्रहण किया। वाइस चांसलर डॉ. स्टीवर्ड काले ने उन्हें पद्भार सौंपा। कुलसचिव डॉ.प्रफुल्ल पवार,प्रबंध परिषद सदस्य रवींद्र शिंगणापुरकर,बागेश्री मन्थलकर,अधिसभा सदस्य डॉ.जसोत्सना एकबोटे,संस्थापक डॉ.प्रोग्रेसिव एजुकेशन सोसायटी के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.मनोहर चास्कर,गजानन एकबोटे,डॉ.देवीदास वायंडे आदि इस अवसर पर उपस्थित थे।
जो छात्र जीवन से ही विश्वविद्यालय में हैं। गोसावी ने शिक्षक,विभागाध्यक्ष,निदेशक जैसी कई जिम्मेदारियां संभाली हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी को काफी करीब से देखा है। साथ ही उन्हें विभिन्न प्रश्नों का अंदाजा होता है। अब जब उन्हें कुलपति के रूप में चुना गया है, तो उनके सामने विभिन्न चुनौतियाँ हैं। कुलपति का पद ग्रहण करने के बाद डॉ.गोसावी ने कहा कि अगले पांच साल के कार्यकाल में वे छात्रों को केंद्र बिंदु मानकर उनके सर्वांगीण विकास के लिए उनमें कौशल निर्माण पर ध्यान देंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक प्रयास किये जायेंगे। अब तक हुए कार्यों की समीक्षा के बाद आगे की योजना बनाई जाएगी। उच्च शिक्षा में भारतीय ज्ञान प्रणाली को शामिल करने को प्राथमिकता दी जाएगी। चूंकि यूनिवर्सिटी का डेक्कन कॉलेज,भंडारकर इंस्टीट्यूट जैसे संस्थानों से करार है, इसलिए उनकी मदद ली जाएगी।
छात्रों को रोजगारपरक बनाने के लिए उद्योगों का सहयोग जरूरी चूंकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नौकरी प्रशिक्षण का प्रावधान है,इसलिए यह सहयोग उपयोगी होगा। इसलिए उद्योगों को विश्वविद्यालय से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। हाल ही में जारी एनआईआरएफ रैंकिंग में यूनिवर्सिटी गिर गई है। लिहाजा अब विभिन्न रैंकिंग में विश्वविद्यालय का स्थान ऊपर उठाने की चुनौती है। रैंकिंग में गिरावट के पीछे एक विचार है। इसलिए, त्रुटियों को दूर करने और रैंकिंग में विश्वविद्यालय की स्थिति को बढ़ाने के लिए योजना बनाई जाएगी।