Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) एवरेस्ट जैसी चोटी पर चढ़ना एक तरह की लड़ाई है। यह किसी भी पर्वतारोही के लिए जीवन और मृत्यु की परीक्षा है। पूर्व सांसद छत्रपति संभाजी राजे ने इस साहसिक खेल को सरकारी स्तर पर ध्यान नहीं दिए जाने पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार न्यायालय से इस मामले में पैरवी करेगी ताकि केंद्र और राज्य सरकारें इन्हें सम्मान दें और प्रोत्साहित करें।
संभाजी राजे ने चर्होली में एवरेस्ट वीर श्रीहरि तापकिर की पुस्तक ’सागरमाथा-एवरेस्ट विजय की गाथा’ का विमोचन किया। वरिष्ठ पर्वतारोही ऋषिकेष यादव, महाराष्ट्र के प्रथम एवरेस्ट पर्वतारोही सुरेंद्र चव्हाण,ज्ञान आशा फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ.अमित आंद्रे,ज्ञानेश्वर तापकिर,पूर्व महापौर नितिन कालजे,साहित्यकार एवं श्रमिक नेता अरुण बोर्हाडे आदि उपस्थित थे।
चढ़ाई करना आम आदमी के बस की बात नहीं है। केंद्र और राज्य सरकारों को इन एथलीटों को उचित सम्मान देना चाहिए जिन्होंने एवरेस्ट की चोटी पर जाकर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इतना ही नहीं बल्कि उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए एक स्थायी योजना भी होनी चाहिए। हम स्वयं इसे आगे बढ़ाएंगे। भारत के अन्य राज्यों में,एवरेस्टर्स या अन्य अभियान पर्वतारोहियों को पर्याप्त वित्तीय सहायता दी जाती है,जो कि महाराष्ट्र में नहीं है,बल्कि सरकार ने इस साहसिक खेल को पर्यटन में शामिल किया है। मैं हमेशा पर्वतारोहियों के साथ खड़ा रहूंगा। संभाजी राजे ने यह भी कहा कि सागरमाथा पुस्तक न केवल पर्वतारोहियों के लिए बल्कि चुनौतीपूर्ण कार्य करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए मार्गदर्शक होगी।