Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और भारतीय पुस्तक न्यास द्वारा तथा महाराष्ट्र सरकार,सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय और पुणे पालिका के सहयोग से आयोजित पुणे पुस्तक महोत्सव का उद्घाटन डॉ.नीलम गोरे की उपस्थिति में हुआ। विधान परिषद के उपाध्यक्ष और उच्च एवं तकनीकी शिक्षामंत्री चंद्रकांत पाटिल को किया गया। डॉ गोरे ने व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष मिलिंद मराठे, निदेशक कर्नल युवराज मलिक, पालिका आयुक्त विक्रम कुमार, अतिरिक्त आयुक्त विकास ढाकने, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरेश गोसावी, पूर्व महापौर मुरलीधर मोहोल, डेक्कन एजुकेशन इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष शरद कुंटे, शहीद भगतसिंह के प्रपौत्र यादवेंद्र सिंह संधू, पुणे पुस्तक महोत्सव के मुख्य आयोजक राजेश पांडे उपस्थित थे।
किताबें मार्गदर्शन करती हैं, आराम देती हैं, विचार देती हैं, समाज में सद्भाव को बढ़ावा देती हैं
यह कहते हुए कि उन्होंने पुणे पुस्तक महोत्सव जैसा सार्वजनिक समारोह अन्यत्र नहीं देखा है, डॉ.गोरहे ने कहा, पुस्तक प्रदर्शनी के अवसर पर, पुस्तकों के साथ एक संवाद होता है। किताबें मार्गदर्शन करती हैं, आराम देती हैं, विचार देती हैं, समाज में सद्भाव को बढ़ावा देती हैं। इसलिए, पुस्तक पढ़ने को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। जैसे-जैसे उदारीकरण से मध्यम वर्ग को फायदा हो रहा है, शिक्षा का स्तर भी बढ़ रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल मीडिया के कारण पढ़ने की संस्कृति को झटका लग रहा है। मंत्री श्री पाटिल ने कहा, यह पुस्तक महोत्सव पढ़ने की संस्कृति विकसित करने के साथ-साथ पुणे के लिए भी महत्वपूर्ण है। महोत्सव के दौरान छात्रों और अभिभावकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखित पुस्तक ’एग्जाम वॉरियर्स’ मुफ्त दी जाएगी। उन्होंने विश्वास जताया कि अच्छी चीजों में भागीदारी पुणे की संस्कृति है और महोत्सव को अच्छा प्रतिसाद मिलगा।
पुणे पुस्तक महोत्सव साहित्य, कला और खाद्य संस्कृति का उत्सव-मराठे
श्री मराठे ने कहा, पुणे पुस्तक महोत्सव साहित्य, कला और खाद्य संस्कृति का उत्सव है और 24 दिसंबर तक चलेगा। यह ग्रंथ आंदोलन से जुड़े सभी तत्वों को एक स्थान पर लाकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि नेशनल बुक ट्रस्ट भंडारकर शोध संस्थान के ज्ञान आधार का अनुवाद कर उसे पूरे देश में उपलब्ध कराने का प्रयास करेगा।श्री संधू ने कहा, जब शहीद भगत सिंह ने ’मेरा रंग दे बसंती चोला’ गीत लिखा, तो महाराष्ट्र और उनका परिवार जुड़ा हुआ था। जेल में रहते हुए उन्होंने सौ से अधिक पुस्तकें पढ़ीं। उनकी लिखी जेल डायरी को महोत्सव में रखा जा रहा है ताकि पुणे के लोग उसे देख सके। यह विश्वास व्यक्त करते हुए कि इस डायरी को देखकर युवाओं को प्रेरणा मिलेगी, उन्होंने आशा व्यक्त की कि पुणे को पुस्तकों के केंद्र के रूप में जाना जाएगा।
कार्यक्रम का प्रस्तावना राजेश पांडे ने किया
नेशनल बुक ट्रस्ट के निदेशक श्री मलिक ने कहा कि पुणे के महोत्सव में चार विश्व रिकार्ड बन रहे हैं, जो देश के किसी भी पुस्तक महोत्सव में नहीं बने हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल बुक ट्रस्ट पुणे को विश्व की पुस्तक राजधानी के रूप में स्थापित करने में सहयोग करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि महोत्सव के लिए राज्य सरकार का विशेष सहयोग मिला है। श्री पांडे ने कार्यक्रम का परिचय दिया। पुस्तक मेले के 250 हॉलों में 20 से अधिक भाषाओं में 20 लाख किताबें उपलब्ध हैं। महोत्सव में 100 पुस्तकें प्रकाशित की जाएंगी। इस फेस्टिवल के जरिए फैंस को कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सौगात मिलेगी।
10 हजार पुस्तक प्रेमियों द्धारा प्रदर्शनी का अवलोकन
’हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना – शिवराय छत्रपति जाले’ पुस्तक संधू द्वारा प्रकाशित की गई थी। ये किताबें महोत्सव में आने वाले छात्रों को उपहार में दी जाएंगी। पहले दिन सुबह से ही 10 हजार पुस्तक प्रेमियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया।कार्यक्रम से पहले विश्वविद्यालय के विदेशी छात्रों ने अपने-अपने देशों के नृत्य और संगीत की प्रस्तुति दी। पुस्तक महोत्सव के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखित 18 हजार 751 किताबों ’एग्जाम वॉरियर्स’ से बना विश्व का सबसे लंबा वाक्य ’जैतू भारत’ बनाकर विश्व रिकॉर्ड कायम किया गया। बताया गया कि पिछला रिकार्ड 11 हजार 111 पुस्तकों का था। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के स्वप्निल डांगोरीकर ने परिणाम की घोषणा की और आयोजकों को प्रमाणपत्र प्रदान किया।