पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) कोरोना रोगियों की संख्या के साथ पुणे शहर कोरोना के प्रकोप के कगार पर है। पुणे जिले में अंतिम सप्ताह के दौरान हर दिन औसतन 6,000 से 8,000 कोरोना मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। इसलिए नागरिकों के बीच चिंता व्यक्त की जाती है। प्रशासन द्वारा सतर्कता के साथ कोरोना नियंत्रण के उपायों की भी घोषणा की जा रही है। पुणे में कोरोनों वृद्धि के कारणों की समीक्षा की गई है। समीक्षा रिपोर्ट में पुणे जिला देश का नंबर वन शहर घोषित हुआ है। कल पुणे जिला प्रशासन की कोरोना आपातकालीन बैठक उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में होने जा रही है। संभवत: पुणे जिले में लॉकडाउन जैसे कठोर निर्णय लिया जा सकता है।
यह देखा गया है कि अगर एक ही परिवार के लोगों को कोरोना संक्रमण होता है। इसलिए यह देखा गया है कि पुणे में क्लस्टर संक्रमण शुरू हो गया है। यह कहा जाता है कि ये प्रभाव लोगों द्वारा घर अलगाव में कोरोना नियमों के उल्लंघन के कारण हैं। कई लोग कोरोना संक्रमण के बाद भी डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं। डॉ अविनाश भोंडवे ने भी इसकी पुष्टि की है और अपनी टिप्पणियों को दर्ज किया है।
वर्तमान में पुणे जिले में कुल 59 हजार 9003 सक्रिय मरीज हैं
वर्तमान में पुणे शहर में 32,875 सक्रिय रोगी हैं,जबकि 674 रोगी गंभीर स्थिति में हैं। वर्तमान में पूरे पुणे जिले में कुल 59 हजार 9003 सक्रिय मरीज हैं। पुणे शहर में मृत्यु दर 2.7 प्रतिशत है,जबकि जिले की मृत्यु दर 2.01 प्रतिशत है। इससे पुणे के लोगों की चिंता बढ़ गई है।
जिले में ग्राम पंचायतों की सीमा के भीतर हॉटस्पॉट
वाघोली
शिक्रापुर
हिंजवडी
मंचर
पुणे मनपा सीमा में हॉटस्पॉट
बारामती
तलेगांव
दौंड
सासवड
जिले की नगरपालिका सीमा के भीतर हॉटस्पॉट
हडपसर
धनकवडी
औंध
सिटी रोड
पालिका सीमा में निजी अस्पतालों में 80 फीसदी से अधिक बेड कब्जे में
वर्तमान में पुणे में लगभग सभी सरकारी और निजी अस्पताल बेड भरे हुए हैं। नतीजतन शहर के निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत बेड पर पालिक का कब्जा है। इसी तरह के आदेश पालिका ने निजी अस्पतालों को दिए है। पुणे के अतिरिक्त आयुक्त रूबेल अग्रवाल ने इसकी जानकारी दी। समाजों में कोरोना रोगियों के संक्रमण के चौंकाने वाले रूप सामने आ रहे है। पुणे शहर में बड़े समाजों में कोरोना के मरीज बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। शहर के 207 समाजों को माइक्रो कंट्रीब्यूशन जोन घोषित किया गया था। इसलिए कई समाजों में कोरोना रोगियों के उत्पीड़न के चौंकाने वाले रूप भी सामने आते हैं। कुल मिलाकर पुणे जिला कोरोना के प्रकोप के कगार पर है। फिर भी कई नागरिक लापरवाही बरत रहे हैं। इसीलिए पुणे में तालाबंदी लगना अब लगभग तय माना जा रहा है।