Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड मनपा के आयुक्त और प्रशासक शेखर सिंह ने कहा कि पिंपरी चिंचवड़ शहर,जो एक औद्योगिक शहर के साथ-साथ एक खेल शहर के रूप में जाना जाता है,को भविष्य में पर्यावरण के लिए एक आदर्श शहर के रूप में पहचाना जाए,इसके लिए एक सतत विकास कार्यशाला आयोजित की गई है। पिंपरी चिंचवड़ मनपा की ओर से वाकड में सतत विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया,आयुक्त सिंह मार्गदर्शन करते हुए बोल रहे थे।
ये प्रमुख मान्यवर उपस्थित
कार्यशाला में विधायक उमा खापरे, वरिष्ठ संपादक संजय आवटे, अतिरिक्त आयुक्त प्रदीप जंभाले पाटिल, जीतेंद्र वाघ, उल्हास जगताप, सिटी इंजीनियर मकरंद निकम, मुख्य लेखा परीक्षक प्रमोद भोसले, मुख्य लेखा और वित्त अधिकारी जीतेंद्र कोलम्बे, एसोसिएट सिटी इंजीनियर श्रीकांत सावण, संजय कुलकर्णी, बालासाहेब गलबाले, मनोज सेठिया, प्रमोद ओंभासे, यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल हॉस्पिटल के डीन डॉ. डॉ. राजेंद्र वाबले, स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी लक्ष्मण गोफणे, मुख्य सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिकारी नीलकांत पोमण, उपायुक्त अजय चारथंकर, विट्ठल जोशी, सुभाष इंगले, रविकिरण घोडके, विभिन्न विभागों के प्रमुख, क्षेत्रीय अधिकारी, शाखा प्रमुख और सार्वजनिक संपर्क अधिकारी प्रफुल्ल पुराणिक, पैलेडियम कंसल्टिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ अमित पाटजोशी, सी. एस आर कंपनी के राकेश कुमार, पुणे नॉलेज क्लस्टर के सी. ओ ओ डॉ. प्रिया नागराज, सी. इ. पी. टी.प्रमुख डॉ.दिनेश मेहता, इं. एफ. सी. ज्ञानप्रबोधिनी एन के मोहित गनेरीवाला, डी.सावंत, सी. पी. सी. वी के क्षेत्रीय निदेशक भरत शर्मा, पर्यावरण विशेषज्ञ सिद्धांत मनहोत्रा, मांदेशी फाउंडेशन की सीईओ चेतना सिन्हा मौजूद रहे।
शहर को बुनियादी ढांचे की जरूरत
भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है, लोग बेहतर रोजगार के लिए बड़ी संख्या में शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। औद्योगिक शहर के रूप में मशहूर पिंपरी चिंचवड़ की आबादी तेजी से बढ़ रही है। शहर को बुनियादी ढांचे की जरूरत है और शहर के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए संतुलित तरीके से विकास किया जाना चाहिए। इसके लिए, पिंपरी चिंचवड़ पालिका शहर नीति 2030 के अनुसार सतत विकास के विभिन्न पहलुओं पर काम करने के लिए प्रशासनिक ढांचे में एक सतत विकास सेल शुरू किया गया है। आयुक्त एवं प्रशासक शेखर सिंह ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण वायु, जल, ध्वनि प्रदूषण, हरियाली, जैव विविधता, ठोस अपशिष्ट, स्वास्थ्य, परिवहन, ऊर्जा कार्बन उत्सर्जन, जलवायु परिवर्तन सतत विकास, पारिस्थितिकी तंत्र, हरित भवन, नदी पुनरुद्धार, जल स्रोत पुनरुद्धार आदि शामिल होंगे। उन्होंने कम्प्यूटर प्रेजेंटेशन के माध्यम से भविष्य में क्रियान्वित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों की जानकारी भी दी।
पालिका एक आदर्श शहर के विकास के लिए कार्यरत-उमा खापरे
पिंपरी चिंचवड़ एक औद्योगिक शहर है। मैं कई वर्षों से इस शहर में रह रहा हूं। मैंने इस शहर को विकसित होते देखा है। विधायक उमा खापरे ने कहा कि पालिका सतत विकास मंडल के माध्यम से एक आदर्श शहर के विकास के लिए काम कर रहा है और इस सराहनीय पहल के लिए जन प्रतिनिधियों के माध्यम से पालिका को आवश्यक सहयोग दिया जाएगा। वरिष्ठ संपादक संजय आवटे ने जनसंख्या वृद्धि, पानी की कमी, शहरी समस्याएं, प्रदूषण जैसी भविष्य की समस्याओं पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने सतत विकास इकाई के माध्यम से पालिका द्वारा समय पर किये जा रहे उपायों पर संतोष व्यक्त किया। कार्यशाला में महाराष्ट्र राज्य, शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव गोविंदराज ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया। सतत विकास कक्ष पर भी मार्गदर्शन दिया। पर्यावरण विशेषज्ञ एवं व्याख्याता डॉ. आज की कार्यशाला में राकेश कुमार ने भी विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन दिया। सतत विकास वेबसाइट का उद्घाटन विधायक उमा खापरे ने किया। कार्यशाला में पालिका अधिकारियों सहित 150 से अधिक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
विकास सेल की स्थापना छह मुख्य क्षेत्रों पर आधारित
सतत विकास सेल की स्थापना छह मुख्य क्षेत्रों अर्थात् पर्यावरण संरक्षण, टिकाऊ परिवहन और वायु गुणवत्ता, टिकाऊ शहरी डिजाइन, आपदा प्रबंधन, सामाजिक विकास, टिकाऊ वित्त और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए की गई है। भारत तेजी से शहरीकरण के दौर से गुजर रहा है, जहां लोग बेहतर रोजगार के अवसरों, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए बड़ी संख्या में शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। वर्तमान में, भारत की 34% आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है और 2035 तक इसके बढ़कर 43.2% होने की उम्मीद है। जनसंख्या वृद्धि का ऐसा ही ग्राफ पिंपरी-चिंचवड़ पालिका क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। 2011 की जनगणना के अनुसार पिंपरी चिंचवड़ शहर की जनसंख्या 17.27 लाख थी, जो 2023 में अनुमानित 23.81 लाख तक पहुंच गई है और 2030 तक 30 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है।
बुनियादी जरुरतों के मुताबिक योजनाबद्ध और कुशलतापूर्वक निगरानी नहीं
शहरों में बढ़ती जनसंख्या बुनियादी ढांचे की जरूरतों को बढ़ा रही है और यदि योजनाबद्ध और कुशलतापूर्वक निगरानी नहीं की जाती है, तो इससे पर्यावरणीय गिरावट, यातायात की भीड़ और जल आपूर्ति, स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन जैसी बुनियादी सेवाओं में समस्याएं हो सकती हैं। इसी के तहत नगर पालिका पुनर्वास की दृष्टि से सतत विकास सेल की स्थापना कर रही है। जी-20 की अध्यक्षता संभालने के बाद, भारत ने हमारे देश के मुख्य घटकों में से एक के रूप में स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया है। नगर पालिका अपने संचालन क्षेत्र में समग्र विकास सुनिश्चित करके स्थिरता पहल को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। पिंपरी चिंचवड़ शहर नीति 2030 को ध्यान में रखते हुए, इसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक समानता और पर्यावरण संरक्षण के तीन पहलुओं में स्थिरता का लक्ष्य रखना है।