National नई दिल्ली(व्हीएसआरएस न्यूज) देश राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी कवायद तेज होती जा रही है। इसी कड़ी में एनडीए अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के नाम का एलान किया गया। भाजपा ने संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के तौर पर उनके नाम का ऐलान किया। माना जा रहा है कि देश के आदिवासी समुदाय को साधने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने मुर्मू के नाम का दांव खेला है॥
बता दें द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के आदिवासी समुदाय से आती है। कयास लगाया जा रहे है कि भाजपा आने वाले समय में आदिवासी वोटो को साधने की कोशिश करेगी। वही, उम्मीद की जा रही है कि ओडिशा की नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल भी उनके समर्थन के लिए आसानी से तैयार हो जाएगी और एनडीए प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित हो सकती है। द्रौपदी मुर्मू के नाम के सहारे भाजपा ने अपने दक्षिण भारत मिशन को भी साधने की कोशिश की है।
झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मु का जीवन कई संघर्षो से भरा हुआ है। ओडिशा में 20 जून 1958 को द्रौपदी मुर्मु का जन्म हुआ। उनके पिता बिरंची नारायण तुडू थे। उनका विवाह श्याम चरण मुर्मू के साथ हुआ था। उनकी बेटी इतिश्री मुर्मू हैं। द्रौपदी मुर्मू दो बेटे और एक बेटी हुई। द्रौपदी मुर्मू के दोनों बेटों की मृत्यु हो गई और फिर समय के साथ उनके पति भी साथ छोडकर हमेशा के लिए पंचतत्व में विलीन हो गए। इन कठिनाइयों के बाद भी उन्होने हार नही मानी। उन्होंने जूनियर असिस्टेंट के रूप में 1979 में ओडिशा सरकार में काम के साथ अपने करियर की शुरूआत की थी। बाद में वे राजनीति में आ गईं और विधायक चुनी गईं।
उन्होंने स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की है। वे ओडिशा की पहली महिला नेता हैं जिन्हें राष्ट्रपति जैसे प्रतिष्ठित पद के लिए प्रत्याशी बनाया गया है। भाजपा-बीजेडी सरकार में मंत्री पद संभालने के बाद उन्हें राज्यपाल के तौर पर काम करने का अनुभव भी मिला। अब उन्हें राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया गया है। माना जा रहा है कि विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हां को टक्कर देंगी। तमाम समीकरणों को देखते हुए द्रौपदी मुर्मू की जीत तय मानी जा रही है।