National News नई दिल्ली(व्हीएसआरएस न्यूज) केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन नए बिल पेश किए। इन विधेयकों को पेश करते हुए अमित शाह ने कहा कि देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ब्रिटिश काल के कानूनों को बदलने और उनकी जगह आधुनिक कानून लाने की जरूरत है। भारतीय न्यायिक संहिता विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 को शाह ने सदन में पेश किया है।
यदि ये विधेयक पारित हो जाते हैं, तो देश में वर्तमान में लागू तीन महत्वपूर्ण कानून यानी आईपीसी (भारतीय दंड संहिता), सीआरपीसी (आपराधिक प्रक्रिया संहिता), साक्ष्य अधिनियम (भारतीय साक्ष्य अधिनियम) को नए कानूनों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा।
इन प्रस्तावित विधेयकों के कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान इस प्रकार हैं।
भड़काऊ भाषण देने पर 3 साल की सजा।
किसी भी धर्म या वर्ग के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने पर 5 साल की सजा।
यदि 5 या अधिक व्यक्तियों का समूह जाति, समुदाय, भाषा और लिंग के आधार पर हत्या करता है, तो प्रत्येक दोषी व्यक्ति को कम से कम 7 साल की कैद और जुर्माना या मौत की सजा दी जाएगी।
मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार किए बिना उसके खून, लिखावट, आवाज या उंगलियों के निशान के नमूने लिए जा सकते हैं।
यदि दोषी को मौत की सजा दी जाती है तो सजा को आजीवन कारावास में बदलने का प्रावधान है।
बलात्कार के मामले में मृत्युदंड का प्रावधान।
मुकदमों का फैसला 120 दिन के भीतर देना अनिवार्य है।
अगर कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो जाती है तो 1 महीने के अंदर फैसला देना अनिवार्य होता है।
मामले में दर्ज किए गए व्यक्तियों के रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से संरक्षित किया जाएगा।