National News नई दिल्ली(व्हीएसआरएस न्यूज) चुनाव आयोग ने गुरुवार इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा अपनी वेबसाइट पर जारी किया। इसके मुताबिक भाजपा इस बॉन्ड के जरिए सबसे ज्यादा चंदा लेने वाली पार्टी है। उसे 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक सबसे ज्यादा 6,060 करोड़ रुपए मिले हैं। लिस्ट में दूसरे नंबर पर कांग्रेस नहीं बल्कि तृणमूल कांग्रेस है।
चुनाव आयोग ने वेबसाइट पर 763 पेजों की दो लिस्ट अपलोड की गई हैं। एक लिस्ट में बॉन्ड खरीदने वालों की जानकारी है। दूसरी में राजनीतिक दलों को मिले बॉन्ड की डिटेल है। तृणमूल कांग्रेस को 1,609 करोड़ रुपए का चंदा मिला है। कांग्रेस को 1,421 करोड़ रुपए का चंदा मिला है। बीआरएस को भी 1214 करोड़ रुपए चंदे के रूप में मिले। इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए बीजद ने 775 करोड़, डीएमके ने 639 करोड़, वायआरएस कांग्रेस ने 337 करोड़ और तेलगुदेशम पार्टी ने 218 करोड़ रुपए जुटाए।
चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी में इस बात का जिक्र नहीं है कि किस कंपनी ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया है। राजनीतिक पार्टियों को सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज पीआर है। इसने 1,368 करोड़ के बॉन्ड खरीदे। कंपनी के खिलाफ लॉटरी रेगुलेशन एक्ट 1998 के तहत और आईपीसी के तहत कई मामले दर्ज हैं। स्टील कारोबारी लक्ष्मी मित्तल से लेकर अरबपति सुनील भारती मित्तल की एयरटेल, अनिल अग्रवाल की वेदांता, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा से लेकर कम प्रसिद्ध फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज अब रद्द किए जा चुके चुनावी बॉण्ड के प्रमुख खरीदारों में शामिल थे।
क्या बोली कांग्रेस : कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावी बॉण्ड का विवरण जारी करने के बाद दावा किया कि दाता और प्राप्तकर्ता फाइल में प्रविष्टियों की संख्या में विसंगति है।विपक्षी दल कांग्रेस ने यह भी सवाल किया कि साझा किया गया विवरण अप्रैल 2019 की अवधि से संबंधित क्यों है, जबकि यह योजना 2017 में शुरू की गई थी।
सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनियाँ
फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज पीआर- 1,368 करोड़
मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड – 966 करोड़
क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड – 410 करोड़
वेदांता लिमिटेड – 400 करोड़
हल्दिया एनर्जी लिमिटेड – 377 करोड़
भारती ग्रुप – 247 करोड़
एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड – 224 करोड़
वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड -220 करोड़
केवेंटर फूडपार्क इंफ्रा लिमिटेड – 195 करोड़
मदनलाल लिमिटेड – 185 करोड़
1. 1368 करोड़ – फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड
2. 966 करोड़ – मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड।
3. 410 करोड़ – क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड।
4. 377 करोड़ – हल्दिया एनर्जी लिमिटेड।
5. 376 करोड़ – वेदांता लिमिटेड।
6. 225 करोड़ – एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड।
7. 220 करोड़ – वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी।
8. 198 करोड़ – भारती एयरटेल।
9. 195 करोड़ – केवेंटर फूड पार्क इंफ्रा लिमिटेड।
10. 192 करोड़ – एमकेजे एंटरप्राइजेज लिमिटेड।
11। 186 करोड़ – मदनलाल लिमिटेड।
12. 162 करोड़ – यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल
13. 146 करोड़ – उत्कल एल्युमीनियम इंटरनेशनल लिमिटेड
14. 130 करोड़ – डीएफएल कमर्शियल डेवलपर्स लिमिटेड
15. 123 करोड़ – जिंदल स्टील एंड पॉवर्स लिमिटेड
16. 119 करोड़ – बी. जी। शिर्के कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी प्रा. लिमिटेड
17. 115 करोड़ – धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड
18. 113 करोड़ – एविस ट्रेडिंग फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड
19. 107 करोड़ – टोरेंट पावर लिमिटेड
20. 105 करोड़ – बिड़ला कार्बन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड।
इन 20 कंपनियों ने राजनीतिक दलों को 5832 करोड़ रुपये तक का चंदा दिया है.
बीजेपी के बाद इस पार्टी को सबसे ज्यादा चंदा मिलता है
साफ है कि अप्रैल 2019 से जनवरी 2024 के बीच बीजेपी के बाद देश में सबसे ज्यादा चंदा ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को मिला. अप्रैल 2019 से जनवरी 2024 के बीच, तृणमूल कांग्रेस ने कुल मिलाकर 2 करोड़ रुपये के बांड एकत्र किए हैं।
कांग्रेस ने 1421 करोड़ के बांड वसूले
कांग्रेस ने 3146 हजार करोड़ के 50 फीसदी से भी कम यानी 1421.87 हजार करोड़ के बांड भुनाए.