मुंबई । व्हीएसआरएस न्यूज़ : बंगाल चुनाव के बाद हिंसा पर कंगना ने एक ट्वीट में ममता बनर्जी की तुलना ताड़का से करते हुए लिखा था, ‘मैं गलत थी, वह रावण नहीं है। वह तो सबसे अच्छा राजा था, जिसने दुनिया का सबसे सम्पन्न देश बनाया। वह ग्रेड एडमिनिस्ट्रेटर, स्कॉलर और वीणा वादक था। वह तो खून की प्यासी राक्षसी ताड़का है, जिन्होंने उसे वोट दिया। तुम्हारे हाथ भी खून से सने हुए हैं।’
ट्विटर ने एक्ट्रेस कंगना रनौत का अकाउंट सस्पेंड कर दिया है। ट्विटर का कहना है कि कंगना ने नियम तोड़े हैं। एक्ट्रेस ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही केंद्र सरकार से बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग की थी। उन्होंने बीजेपी की महिला नेता की फोटो शेयर कर यह दावा भी किया था कि टीएमसी के लोगों ने उसका गैंगरेप किया है।
कंगना ने ट्विटर पर एक वीडियो जिस मे कंगना रोती हुई नजर आई थीं। वे कह रही थीं, ‘दोस्तों, हम सब देख रहे हैं कि बंगाल से बहुत ही डिस्टर्ब करने वाली खबरें आ रही हैं। वीडियो आ रहे हैं और फोटोज आ रहे हैं। लोगों के मर्डर हो रहे हैं, गैंगरेप हो रहे हैं। घरों को जलाया जा रहा है और कोई भी लिब्रल कुछ नहीं कह रहा है।’
कंगना ने वीडियो में कहा, ‘ये बहुत ज्यादा अननेचुरल है, जिस तरह से चीजें हो रही हैं। अपनी सरकार, जिसकी मैं बहुत बड़ी सपोर्टर हूं, उनसे कहना चाहती हूं कि मैं बहुत ज्यादा निराश हूं। जो वहां पे खून की नदियां बह रही हैं तो आप लोग धरना करना चाहते हैं, इसकी कड़ी निंदा करना चाहते हैं। क्यों डर गए हैं देशद्रोहियों से इतना ? देशद्रोही ये देश चलाएंगे क्या ?’
कंगना के खिलाफ बंगाल में केस दर्ज
विवादित ट्वीट के बाद कंगान ऊपर केस भी दर्ज हुआ है। कोलकाता पुलिस ने कंगना रनौत के खिलाफ पश्चिम बंगाल के लोगों की भावनाएं आहत करने के आरोप में शिकायत दर्ज की है। एडवोकेट सुमीत चौधरी ने ईमेल के जरिए कोलकाता पुलिस कमिश्नर सौमेन मित्रा को शिकायत भेजी थी।अपने मेल में उन्होंने कंगना रनौत के ट्वीट के तीन लिंक्स भी भेजे हैं। इसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बंगाल के लोगों की भावनाओं को आहत और उन्हें अपमानित भी किया है।
कंगना ने ट्विवर पर भी निशाना साधा
कंगना ने ट्विटर की कार्रवाई का जवाब देते हुए कहा है, ‘ट्विटर ने मेरा पॉइंट साबित कर दिया है कि वे अमेरिकी हैं और जन्म से गोरे (व्हाइट) लोगों को लगता है कि वे किसी ब्राउन को गुलाम बनाने के हकदार हैं। वे बताना चाहते हैं कि आपको क्या सोचना चाहिए और क्या बोलना चाहिए। किस्मत से मेरे पास कई प्लेटफॉर्म हैं जहां मैं अपनी आवाज उठा सकती हूं। सिनेमा भी इनमें से एक है। लेकिन मेरा दिल इस देश के लोगों के लिए दुखी होता है जिन्हें टॉर्चर किया गया, गुलाम बनाया गया और सैंकड़ों सालों तक सेंसर किया गया। यह तब अब तक बंद नहीं हुआ है।’