नई दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज: साउथ सिनेमा के दिग्गज अभिनेता रजनीकांत को 51वां दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड अनाउंस करते हुए प्राकश जावड़ेकर ने कहा, ‘मुझे ये बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि इस बार 51वां दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड भारतीय सिनेमा के इतिहास के सबसे बेहतरीन अभेनिता रजनीकांत को दिया जाएगा। एक अभिनेता के तौर पर, निर्माता के तौर पर और स्क्रीनराइटर के तौर पर उनका योगदान आइकॉनिक है’। कोरोना वायरस की वजह से इस बार सभी पुरस्कारों को घोषणा देरी से हुई है। हाल ही में नेशनल अवॉर्ड की घोषणा भी हुई है। दादा साहब फाल्के को भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड माना जाता है।
प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- ‘आज इस साल का दादा साहब फाल्के अवॉर्ड महान नायक रजनीकांत को घोषित करते हुए हमें बहुत खुशी है। रजनीकांत बीते 5 दशक से सिनेमा पर राज कर रहे हैं। इस साल ये सिलेक्शन ज्यूरी ने किया है। इस ज्यूरी में आशा भोंसले, मोहनलाल, विश्वजीत चटर्जी, शंकर महादेवन और सुभाष घई जैसे कलाकार शामिल रहे हैं।
पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दादा साहेब फाल्के पुरुस्कार का सम्मान पाने वाले अभिनेता रजनीकांत को इस उपलब्धि की बधाई दी है। पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है, ‘कई पीढ़ियों तक लोकप्रिय रहे, एक ऐसे शख्स जो कई तरह की भूमिकाएं निभा सकते हैं और लोकप्रिय हैं… वो शख्स रजनीकांत आपके लिए। यह बेहद खुशी की बात है कि ‘थलाइवा’ को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें बधाई।
साल 1983 में उन्होंने बॉलीवुड में कदम रख दिया। उनकी पहली हिंदी फिल्म अंधा कानून थी। रजनीकांत ने इसके बाद सिर्फ तरक्की की सीढ़ियां चढ़ीं। आज वे दक्षिण भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े स्टार कहे जाते हैं। दादा साहेब फाल्के को भारतीय सिनेमा का जन्मदाता कहा जाता है। उनके ही नाम पर हर साल ये पुरस्कार दिए जाते हैं। अब तक 50 बार ये पुरस्कार दिया जा चुका है। रजनीकांत से पहले अमिताभ बच्चन को यह पुरस्कार दिया गया था।
वही कई नकारात्मक किरदारों का अभिनय करने के बाद रजनीकांत पहली बार नायक के रूप में एसपी मुथुरमन की फिल्म भुवन ओरु केल्विकुरी में दिखे थे। बता दें, उनके प्रति लोगों की दीवानगी इस हद तक है कि वे उन्हें ‘भगवान’ मानते हैं। रजनीकांत की फिल्में सुबह साढ़े तीन बजे तक रिलीज हो जाती हैं। कुली से सुपरस्टार बनने वाले रजनीकांत कभी यहां तक नहीं पहुंच पाते अगर उनके दोस्त राज बहादुर ने उनके अभिनेता बनने के सपने को जिंदा न रखा होता। और उन्होंने ही रजनीकांत को मद्रास फिल्म इंस्टिट्यूट में दाखिला लेने के लिए कहा। दोस्त की बदौलत ही रजनीकांत आगे बढ़ते गए और फिर फिल्मों में काम करने लगे।
आपको बताते चले कि रजनीकांत को दक्षिण सिनेमा में ‘थलाइवा’ यानी भगवान का दर्जा दिया जाता है। रजनीकांत की फैन फॉलोइंग साउथ में कितनी है इसका अंदाज़ा भी लगा पाना मुश्किल है। एक्टर ने न सिर्फ साउथ फिल्मो में अपनी छाप छोड़ी है बल्कि रजनीकांत कई बॉलीवुड फिल्मों में भी नज़र आए हैं। जैसे , ‘चालबाज, अंधा कानून, कबाली, 2.0, द रोबोट, त्यागी, खून का कर्ज, दोस्ती दुश्मनी, इंसाफ कौन करेगा’।