मीरगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: मीरगंज शहर में जाम की समस्या दिन पर दिन विकराल रूप लेते जा रही है। गोपालगंज, सिवान तथा भोरे की ओर जाने वाले वाहनों की कतार शहर में लोगों की परेशानी का सबब बनती जा रही है। बड़े वाहनों की कतारों के बीच छोटे वाहन भी फंसकर रह जाते हैं। दिन में कई बार भारी वाहनों की कतार लगने का सिलसिला भी जारी है।
इसके कारण लोग जाम से परेशान हैं। शहर में वन-वे यातायात व्यवस्था चल रही है। इसके कारण कई वाहन आबादी वाले इलाकों से गुजर रहे हैं। इससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं जाम में यात्री बसों के फंसने के कारण देर तक इंतजार करना पड़ रहा है।
बायपास की समस्या से जूझ रहा शहर: पूरा शहर रेलवे ओवरब्रिज और बायपास से समस्या से जूझ रहा है। रेलवे क्रासिंग गेट बंद होते ही भारी वाहनों की लंबी-लंबी कतारे लग रही है।
रेलवे क्रॉसिंग गेट के अलावा गोपालगंज, सिवान व भोरे की ओर जाने वाले वाहनों को निकालने का कोई विकल्प नहीं है। शहर में घनी आबादी में होने के कारण यहां से ट्रैफिक को निकालना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। इससे तो और भी यातायात व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है।
शहर में पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण वाहनों को खड़े करने में होती है समस्या:
शहर के यातायात को डायवर्ट करने के लिए पर्याप्त चौड़ी सड़कें एवं बायपास मार्ग नहीं है। रेलवे क्रासिंग बंद होने के बाद कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं है। जहां से वाहन निकाले जा सके। जिसके कारण लोग जाम में फंस कर बिलबिलाने लगते है|
हाईवे के वाहनों का दबाव
शहर के मध्य से गुजरने वाले हाईवे 531 के कारण वाहनों के यातायात का दबाव रहता है। शहर के नेशनल हाईवे पर भारी वाहनों का आवागमन होता है। इसके अलावा शहर के मध्य से ही अन्य वाहन गुजरते हैं| भारी संख्या में यात्री बसों का आवागमन प्रतिदिन होता है।
जनप्रतिनिधि भी उदासीन
शहर में विकास की गंगा बहाने का दावा करने वाले जनप्रतिनिधियों की उदासीनता का खामियाजा पूरा शहर भुगत रहा है। मीरगंज नगर पंचायत के गठन के करीब 18 साल भी रेलवे क्रॉसिंग पर रेलवे ओवरब्रिज नहीं बन सका है, जबकि शहर के मध्य से गुजर रहे नेशनल हाईवे पर रेलवे क्रॉसिंग पर रेलवे ओवरब्रिज की स्वीकृति भी मिल चुकी है। लेकिन निर्माण नहीं हो सका।
माल गाड़ियों के संटिंग से जाम की बढ़ी परेशानी : हथुआ स्टेशन पर प्रतिदिन माल गाड़ियों के परिचालन से इंजन को इधर से उधर यानि संटिंग किया जाता है जिससे रेलवे फाटक को बंद करना पड़ता है और ढाला पर जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है| इतना ही नहीं शाम को डाउन टाटा -थावे एक्सप्रेस के आने से भी जाम की परेशानी हो जाती है|
यहां पर ट्रेन का चेन पुलिंग कर रोक दी जाती है जिससे आधे घंटे तक गाड़ी ढाला पर खड़ी रहती है और जाम के झाम से लोग बिलाबिलाने लगते है| यह समस्या प्रतिदिन होती है लेकिन निजात को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है|
इस बारे मे मीरगंज नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी श्री अजीत कुमार शर्मा ने बताया की शहर में यातायात व्यवस्था बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। रेलवे क्रॉसिंग का गेट बंद होने के बाद वाहनों को निकालने का कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं है। इसके कारण जाम की स्थिति बनती है।